Vastu Tips: घर या दुकान बनवाने से पहले इन 10 वास्तु का जरूर ध्यान रखें

Vastu Tips: सनातन धर्म में वास्तु का बहुत ही बड़ा महत्व है। घर, भवन या दुकान बनवाने से पहले वास्तु का ज्ञान होना और वास्तु के अनुसार ही घर का निर्माण होना चाहिए। आज हम आपको वास्तु के बारे में 10 आवश्यक जानकारी देंगे जिन्हें आपके लिए जानना जरूरी है।

  1. भूमि का आकार आयताकार, वर्गाकार एवं गोमुख सर्वोत्तम होता है। उत्तर-दक्षिण लम्बी भूमि ज्यादा लाभदायक होती है।
    भूमि पश्चिम-दक्षिण ऊंचा व पूरब-उत्तर नीचा होने पर ज्यादा लाभदायक होती है। छत की ढलान ईशान में शुभ होती है। वृत्ताकार भूखण्ड में निर्माण भी वृत्ताकार ही होना चाहिए।
  2. पूरब-उत्तर का कोना (ईशान कोण) में मन्दिर, जलस्रोत, कुआं, हैंडपंप, जलाशय रखना चाहिए। ऐसा नहीं है तो लोहे की पाइप में नल लगा दें या लोटे में जल भरकर रख दें।
  3. सिंहमुखी भूखण्ड व्यावसायिक भवन हेतु शुभ होता है। भूखण्ड का उत्तर या पूर्व या ईशान कोण में विस्तार शुभ होता है।
  4. भूखण्ड के उत्तर या पूर्व में मार्ग शुभ होता है। दक्षिण या पश्चिम में मार्ग व्यापारिक स्थल के लिए शुभ होते हैं।
  5. पूरब-दक्षिण के कोने (अग्निकोण) में रसोई घर, जनरेटर, बिजली का मीटर व गर्म सारी चीजें रख सकते हैं
  6. दक्षिण-पश्चिम के कोने (नैर्ऋत्यकोण) में भवन स्वामी का शयन कक्ष होना चाहिए।
  7. उत्तर-पश्चिम के कोने (वायव्य कोण) में कुंवारी कन्या का कमरा होना चाहिए।
  8. सीढ़ी (घड़ी अनुसार दाईं तरफ घुमते हुए) पर पहला कदम पूरब या उत्तर चढ़ना उत्तम माना जाता है।एकदम ईशान या अग्नि कोण पर सीढ़ी नहीं बनाना चाहिए। पश्चिम-दक्षिण में सीढ़ी बनाने पर यह दिशा अपने आप भारी हो जाती है। इसलिए सीढ़ी के नीचे शौचालय, स्नानघर स्टोर, मन्दिर नहीं बनाना चाहिए।
  9. यह रोग व कष्ट कारक होता है। सीढ़ियों की संख्या विषम (1,3,5,7) होनी चाहिए।
  10. हर दिशा में खिड़कियों की संख्या विषम (1,3,5,7) होनी चाहिये। पूरब और उत्तर में खिड़की बनाना व खुला रखना सर्वोत्तम होता है। चूँकि इस दिशा से हल्की धूप व हवा प्राप्त होती रहती है। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है। दक्षिण और पश्चिम दिशा में खिड़की व खुलापन कम होना चाहिए। क्योंकि इस दिशा में सूर्य में तेजी व गर्म हवा आती है।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए ज्योतिष सागर उत्तरदायी नहीं है।

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