गुरु पूर्णिमा 2024: महत्व और परंपराएं

गुरु पूर्णिमा 2024: महत्व और परंपराएं

महर्षि वेद व्यास - महाभारत के रचयिता, गुरु पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं उनका जन्मदिन

गुरु का महत्व भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान सर्वोच्च माना जाता है। गुरु को ज्ञान और मार्गदर्शन का प्रतीक माना जाता है, और उनका आशीर्वाद जीवन में सफलता और समृद्धि लाता है।

परंपराएं और अनुष्ठान इस दिन लोग अपने गुरुओं की पूजा करते हैं, उनके चरण स्पर्श करते हैं और उपहार देते हैं। इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और अनुष्ठान किए जाते हैं।

गंगा स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है, जिससे जीवन की बाधाओं से मुक्ति मिलती है। गंगा स्नान को पवित्र माना जाता है और यह आत्मशुद्धि का प्रतीक है।

बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए, यह दिन भगवान बुद्ध के पहले उपदेश के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को आषाढ़ पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है।

आध्यात्मिक लाभ गुरु पूर्णिमा के दिन किए गए अनुष्ठानों से भक्तों को आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह दिन आत्मा की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है।