
आज नाग पंचमी (Nag Panchami 2024) है। सावन के पवित्र महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है। वैसे तो सावन का पूरा महीना ही देवों के देव महादेव को समर्पित है लेकिन इस महीने में कई सारे त्योहार पड़ते हैं जिनमें हरियाली तीज से लेकर नाग पंचमी और रक्षाबंधन तक शामिल हैं।
नाग पंचमी मनाने की विधि और प्रक्रिया में भिन्नता होते हुए भी दक्षिण, मध्य और उत्तर भारत के सभी प्रदेशों में नाग पंचमी मनाने की परंपरा है। आइए जानते हैं आज नाग पंचमी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, तिथि, पूजा विधि, मंत्र और उपाय के बारे में…
नाग पंचमी के लिए मुहूर्त (Nag Panchami Muhurat 2024)
सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 08 अगस्त की मध्यरात्रि के बाद यानी 09 अगस्त को सुबह 12 बजकर 37 मिनट शुरू हो गई है और इसका समापन 10 अगस्त को सुबह 3 बजकर 14 मिनट पर होगा। उदयातिथि नियम के अनुसार नाग पंचमी का त्योहार 09 अगस्त को मनाया जाएगा।
500 साल बाद बन रहा यह दुर्लभ संयोग
इस बार की नाग पंचमी बहुत ही खास है, क्योंकि इस नाग पंचमी पर 500 साल बाद यह दुर्लभ योग बन रहा है। इस नाग पंचमी के दिन अभिजीत मुहूर्त के साथ-साथ अमृत काल, रवि योग, शिववास योग, सिद्ध योग, साध्य योग, बव और बालव के साथ हस्त नक्षत्र का संयोग बना है।
इसके अलावा आज के दिन सूर्य कर्क राशि में विराजमान हैंऔर बुध सिंह राशि में हैं। साथ ही शुक्र ग्रह की युति से लक्ष्मी नारायण योग का संयोग बना है। वहीं कन्या राशि में केतु और चंद्रमा की युति हुई है। शनि कुंभ में रहते हुए शश राजयोग का निर्माण कर रहे हैं।
नाग पंचमी के उपाय
वैसे तो नाग पंचमी का त्योहार अपने आप में बेहद खास है लेकिन इस दिन किए गए उपाय असफल नहीं होते हैं। श्री सर्प सूक्त का पाठ करना बेहद ही लाभकारी होता है। इस पाठ को करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिलती है, हालांकि यह उन्हें ही करना चाहिए जिनकी कुंडली में काल सर्प दोष है। काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी के दिन चांदी के बने नाग-नागिन की पूजा करने का भी विधान है।
पूजा का मुहूर्त
सुबह में शुभ मुहूर्त- सुबह 05:47 मिनट से लेकर 08:27 मिनट तक।
दोपहर में शुभ मुहूर्त- दोपहर 12:13 मिनट से लेकर 1:00 बजे तक का।
प्रदोष काल में शुभ मुहूर्त- शाम 06:33 मिनट से रात को 08:20 मिनट तक
नाग पंचमी- पूजा विधि
- प्रातः काल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और द्वार के दोनों तरफ गोबर के नाग-नागिन बनाएं।
- पूजा स्थल में एक सर्प की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- दही, दूध, दूर्वा, पुष्प, कुश, गंध, अक्षत, धान का लावा और अनेक प्रकार के नैवेद्यों से स्थानीय नियम के अनुसार नाग की पूजा करें।
- अंत में आरती करें और वहीं बैठ कर नागपंचमी की कथा पढ़ें।
- धान के लावा को पूरे घर में छींटने का भी विधान है।