लाल किताब (Lal Kitab) ज्योतिष शास्त्र का सबसे प्रसिद्ध और सिद्ध किताब है। लाल किताब के उपाय तो कारगर होते हैं लेकिन काफी कम लोग जानते हैं कि लाल किताब के आधार पर भी जन्म कुंडली की भविष्यवाणी की जाती है। जन्म कुंडली के किसी भी घर में कोई ग्रह हो तो वह किस ग्रह को प्रभावित करेगा एवं कैसा फल प्रदान करेगा। आइए जानते हैं…
पहले घर में राहु- यदि प्रथम घर में राहु होगा तो उसका प्रभाव सूर्य पर पड़ेगा। सूर्य जिस घर में बैठा होगा, उस घर की स्थिति सूर्य ग्रहण जैसी रहेगी। सूर्य के फलों में वह न्यूनता पैदा करेगा।
पहले घर में केतु- अगर जन्म कुंडली के प्रथम घर में केतु हो तो उसका शुभ प्रभाव सूर्य पर पड़ेगा। शुभ प्रभाव के कारण सूर्य उच्च ग्रह के समान फल देगा।
दूसरे घर में बुध- यदि जन्म कुंडली के द्वितीय घर में बुध हो तो उसका बुरा प्रभाव बृहस्पति पर पड़ेगा और हर प्रकार से हानि होगी।
चौथे घर में बुध- जन्म कुंडली के चौथे घर में बुध हो तो वह अशुभ फल देता है। इसका प्रभाव चंद्र पर दिखायी देता है। हर प्रकार से अशुभ फल प्राप्त होते हैं।
छठे घर में मंगल- यदि जन्म कुंडली के छठे घर में मंगल हो तो उसका मिश्रित प्रभाव कुंडली में स्थित सूर्य एवं केतु पर पड़ेगा। ऐसा मंगल सूर्य पर अच्छा असर डालेगा। सूर्य उच्च ग्रह के समान फल देगा, किंतु केतु हानिकर रहेगा।
ग्यारहवें घर में राहु- अगर जन्म कुंडली के ग्यारहवें घर में राहु हो तो बृहस्पति पर इसका बुरा असर पड़ता है। राहु का यह प्रभाव हानिकारक होगा।
ग्यारहवें घर में केतु- अगर जन्म कुंडली के ग्यारहवें घर में केतु हो तो उसका प्रभाव चंद्र पर पड़ेगा। नौवें घर में बुध हो तो अशुभ प्रभाव नहीं रहेगा। किंतु बुध नौवें घर में न रहे तो ग्यारहवें घर में बैठा केतु नुकसान नहीं करेगा।
Lal Kitab: लाल किताब के अद्भुत योग, बहुत ही कम लोगों को है जानकारी
ग्यारहवें घर में बृहस्पति- जन्म कुंडली के ग्यारहवें घर में बैठा बृहस्पति राहु पर अपना प्रभाव डालेगा। यदि बुध भी अशुभ हो तो अधिक हानि होगी।
बारहवें घर में चंद्र- यदि जन्मकुंडली के बारहवें घर में चंद्र हो तो उसका अशुभ प्रभाव केतु पर पड़ेगा और वह हानि पहुंचायेगा।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए ज्योतिष सागर डॉट कॉम उत्तरदायी नहीं है।