Shani Jayanti 2024: आज है न्यायाधीश शनिदेव की जयंती, बन रहे हैं कई राजयोग

सनातन धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। शनि देव का जन्म भगवान सूर्य की पत्नी छाया के गर्भ से ज्येष्ट माह की अमावास्या के दिन हुआ था। वर्तमान समय में सनातन धर्म के लोग इस दिन को शनि जयंती के रुप में मनाते हैं। शनि देव भगवान सूर्य की तीन संतानों (यम, यमुना और शनि) में से एक हैं। शनिदेव भगवान आशुतोष शिव के परम भक्त हैं और भगवान महादेव ने ही उन्हें वरदान दिया है कि नवग्रहों में उनका स्थान सर्वश्रेष्ठ होगा।

शनिदेव के जन्मोत्सव पर बन रहे हैं कई योग

हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या की शुरुआत 5 जून को शाम 7  बजकर 53 मिनट पर हो रही है जो 6 जून को शाम 6 बजकर 6 मिनट पर खत्म हो जाएगी। शनि जयंती पर इस बार कई शुभ योग बन रहे हैं। इस बार शनि जयंती पर शश राजयोग, गजकेसरी योग, मालव्य राजयोग, बुधादित्य राजयोग, लक्ष्मी नारायण जैसे प्रमुख राजयोग बन रहे हैं। आपको बता दें कि न्याय के देवता शनिदेव आज 6 जून 2024 को अपनी मूलत्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान हो रहे हैं। शनि देव के कुंभ राशि में होने के चलते शश राजयोग बन रहा है। वहीं, शनि जयंती पर शश राजयोग होने से मेष, मिथुन, कन्या, मकर और कुंभ राशि वालों लोगों को लाभ का अच्छा अवसर मिलेगा। इन राशि वाले जातकों को अचानक से धन की प्राप्ति होगी और अपने पेश या करियर में सफलता के मौके मिलेंगे।

शनि देव के इन मंत्रों का करें जाप

शनि बीज मंत्र

ओम प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

शनि महामंत्र

ओम निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

शनि देव का आरोग्य मंत्र

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।

शनि देव की गायत्री मंत्र

ॐ भग-भवाय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात् ॥
ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात्

 

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए ज्योतिष सागर उत्तरदायी नहीं है।

 

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