वास्तु शास्त्र में प्रतीकों और वस्तुओं का विशेष महत्व है, जो हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने में मदद करते हैं। पीत्तल का कछुआ वास्तु के महत्वपूर्ण प्रतीकों में से एक है। इसे सही दिशा में रखने से यह घर में सुख-शांति, समृद्धि और दीर्घायु लाने में सहायक होता है। आइए जानते हैं कि पीत्तल का कछुआ घर में किस दिशा में रखना चाहिए और इसका क्या महत्व है।
Vatsu for New Home: सपनों का एक ही बार बनता है, इन 10 वास्तु टिप्स का जरूर रखें ध्यान
पीत्तल का कछुआ: दिशा और स्थान
उत्तर दिशा में रखें: वास्तु शास्त्र के अनुसार, पीत्तल का कछुआ उत्तर दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है। उत्तर दिशा को धन और करियर की दिशा माना गया है। इस दिशा में कछुआ रखने से जीवन में आर्थिक स्थिरता और व्यवसाय में उन्नति होती है।
जल स्रोत के पास रखें: कछुआ एक जलीय जीव है और इसे जल के पास रखना शुभ माना जाता है। यदि घर में फव्वारा या पानी का बर्तन है, तो उसके पास कछुआ रखना सकारात्मक ऊर्जा को सक्रिय करता है। इसके अलावा कछुए को हमेशा पानी में ही रखना चाहिए।
मुख्य प्रवेश द्वार के पास: इसे घर के मुख्य प्रवेश द्वार के पास रखना भी शुभ होता है। यह घर को नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित करता है।
Vastu Tips: ये चीजें पति-पत्नी में कराती हैं कलह, घर में भी नहीं होती बरकत
पीत्तल के कछुए का महत्व
- समृद्धि और धन: पीत्तल का कछुआ घर में आर्थिक स्थिरता और धन का प्रवाह बनाए रखने में मदद करता है। यह व्यापार और नौकरी में उन्नति के लिए भी सहायक माना जाता है।
- दीर्घायु और स्वास्थ्य: कछुआ दीर्घायु का प्रतीक है। इसे घर में रखने से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है और जीवन में शांति बनी रहती है।
- नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: वास्तु शास्त्र में कछुए को नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और घर में सकारात्मकता बनाए रखने वाला प्रतीक माना गया है।
- शांति और स्थिरता: कछुआ अपनी धीमी चाल और स्थिर स्वभाव के लिए जाना जाता है। इसे घर में रखने से परिवार में शांति और स्थिरता बनी रहती है।