
विजया एकादशी हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखने वाली तिथि है। इसे करने से भक्तों को विजय और सफलता प्राप्त होती है। यह व्रत मानसिक और शारीरिक शुद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस बार विजया एकादशी 2025 25 फरवरी को है।
विजया एकादशी का अर्थ और महत्व
इस एकादशी का नाम ही विजय का प्रतीक है। इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने और व्रत रखने से भक्त को हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है। चाहे वह परीक्षा हो, प्रतियोगिता हो या जीवन का कोई अन्य लक्ष्य।
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विजया एकादशी का आध्यात्मिक प्रभाव
- इस दिन व्रत करने से चंद्रमा के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- मानसिक और शारीरिक स्थिति में सुधार होता है।
- ग्रहों के बुरे असर को कम करने में मदद मिलती है।
- यह दिन सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
व्रत करने के लाभ
- पापों से मुक्ति मिलती है और आत्मा शुद्ध होती है।
- मानसिक शांति और अध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
- भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख और शांति आती है।
- व्रत करने से शरीर को शुद्धि मिलती है और ऊर्जा का संचार होता है।
पूजा विधि
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान विष्णु जी की पूजा करें और तुलसी दल अर्पित करें।
- पूरे दिन उपवास रखें और सात्विक आहार ग्रहण करें।
- भगवान के मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”।
कथा सुनें और रात्रि जागरण करें।
- अगले दिन व्रत का पारण करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
- विजया एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
इस वर्ष विजया एकादशी 2025 का व्रत अत्यंत शुभ माना जा रहा है। इसकी तिथि और मुहूर्त इस प्रकार होंगे:
- तिथि प्रारंभ: 25 फरवरी 2025, प्रातः 04:12 बजे
- तिथि समाप्त: 26 फरवरी 2025, प्रातः 02:45 बजे
- व्रत पारण समय: 26 फरवरी 2025, प्रातः 07:00 बजे से 09:30 बजे तक
विजया एकादशी व्रत जीवन में सफलता, शांति और आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। जो भक्त श्रद्धा और समर्पण के साथ इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें निश्चित रूप से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
Maha Kumbha asnan har har maha dev