Maa Chandraghanta Ki Aarti – मां चंद्रघंटा की आरती
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम। पूर्ण कीजो मेरे सभी काम। चंद्र समान तुम शीतल दाती। चंद्र तेज किरणों में समाती। क्रोध को शांत करने वाली। मीठे बोल सिखाने वाली। मनऔर पढ़ें
Read moreMaa Brahmacharini: मां ब्रह्माचारिणी की आरती
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता। जय चतुरानन प्रिय सुख दाता। ब्रह्मा जी के मन भाती हो। ज्ञान सभी को सिखलाती हो। ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा। जिसको जपे सकल संसारा। जयऔर पढ़ें
Read moreMaa Shailputri: मां शैलपुत्री की आरती
शैलपुत्री मां बैल असवार। करें देवता जय जयकार। शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी। पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे। ऋद्धि-सिद्धिऔर पढ़ें
Read moreLakshmi Chalisa: श्री लक्ष्मी चालीसा
श्री लक्ष्मी चालीसा ॥ दोहा ॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा करो हृदय में वास। मनोकामना सिद्ध कर पुरवहु मेरी आस॥ सिंधु सुता विष्णुप्रिये नत शिर बारंबार। ऋद्धि सिद्धि मंगलप्रदे नतऔर पढ़ें
Read moreGanesh Chalisa: गणेश चालीसा
श्री गणेश चालीसा ।। दोहा ।। जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल । विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल ।। ।। चौपाई ।। जय जय जय गणपति गणराजूऔर पढ़ें
Read moreSri Ram Chalisa: श्री राम चालीसा
श्री रघुवीर भक्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ निशिदिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और नहिं होई॥ ध्यान धरे शिवजी मन माहीं। ब्रह्म इन्द्र पार नहिं पाहीं॥और पढ़ें
Read moreShani Chalisa: शनि चालीसा
॥दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय, राखहुऔर पढ़ें
Read moreShree Jagannath Ji Ki Aarti : श्री जगन्नाथ जी की आरती
आरती श्री जगन्नाथ आरती श्री जगन्नाथ आरती श्री जगन्नाथ मंगल कारी, आरती श्री बैकुंठ मंगलकारी, मंगलकारी नाथ आपादा हरि, कंचन को धुप दीप ज्योत जगमगी, अगर कपूर बाटी भव सेऔर पढ़ें
Read moreEkadashi Mata Ki Aarti : एकादशी माता की आरती
एकादशी माता की आरती ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता। विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता॥ ॐ जय एकादशी…॥ तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदानऔर पढ़ें
Read moreNavgrah Ki Aarti : नवग्रह की आरती
नवग्रह आरती आरती श्री नवग्रहों की कीजै । बाध, कष्ट, रोग, हर लीजै ।। सूर्य तेज़ व्यापे जीवन भर । जाकी कृपा कबहुत नहिं छीजै ।। रुप चंद्र शीतलता लायेंऔर पढ़ें
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