Aarti Kunj Bihari Ki: आरती कुंज बिहारी की
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥ आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥ गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला। श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद केऔर पढ़ें
और पढ़ेंMaa Kali Chalisa: मां काली चालीसा
॥दोहा॥ जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार। महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार॥ ॥ चौपाई ॥ अरि मद मान मिटावन हारी। मुण्डमाल गल सोहत प्यारी॥ अष्टभुजी सुखदायक माता। दुष्टदलन जग मेंऔर पढ़ें
और पढ़ेंShiva Chalisa: शिव चालीसा
॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम,देहु अभय वरदान॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके।और पढ़ें
और पढ़ेंBhairava Ji Ki Aarti: भैरव जी की आरती
श्री भैरव आरती जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा जय काली और गौर देवी कृत सेवा || जय भैरव || तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक भक्तो के सुखऔर पढ़ें
और पढ़ेंHanuman Ji Ki Aarti: हनुमान जी की आरती
हनुमान जी की आरती आरती कीजै हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की || जाके बल से गिरिवर कांपे | रोग – दोष जाके निकट न झांके ||और पढ़ें
और पढ़ेंLakshmi Mata Ji Ki Aarti: लक्ष्मी माता जी की आरती
लक्ष्मी माता जी की आरती ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता | तुमको निशदिन सेवत, हर विष्णु विधाता || जय लक्ष्मी माता डमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही होऔर पढ़ें
और पढ़ेंGanesh Ji Ki Aarti: गणेश जी की आरती
गणेश जी की आरती जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।। एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी, माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी। पान चढ़े, फूल चढ़ेऔर पढ़ें
और पढ़ेंAmbe Gauri Mata Ji Ki Arti: अंबे गौरी माता जी की आरती
अंबे गौरी माता जी की आरती जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | तुमको निशि दिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी || (जय अम्बे गौरी) मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमदऔर पढ़ें
और पढ़ेंShree Durga Chalisa: श्री दुर्गा चालीसा, नमो नमो दुर्गे सुख करनी…
नमो नमो दुर्गे सुख करनी । नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी ॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी । तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥ शशि ललाट मुख महाविशाला । नेत्र लाल भृकुटिऔर पढ़ें
और पढ़ेंShani Dev Ji Ki Aarti: शनिदेव जी की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी । सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥ ॥ जय जय श्री शनिदेव..॥ श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी । नीलाम्बर धार नाथ गजऔर पढ़ें
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