विवाह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। इसका महत्व इतना है कि बिना विवाह कोई स्त्री या पुरुष सम्पूर्ण ही नहीं माना जाता क्योंकि विवाह जीवन को आगे बढ़ाने पीढ़ी को आगे बढ़ाने और संतान उत्पत्ति का एक धार्मिक ज़रिया होता है। और जैसी कि कहावत है कि पति पत्नी जीवन की गाड़ी के दो पहिए होते हैं ऐसे में दोनों पहियों का दुरुस्त होना ज़रूरी है। एक पहिया लड़खड़ाया तो जीवन की गाड़ी पटरी से उतर जाएगी।
लेकिन ये रिश्ता निभाना इतना आसान नहीं होता। जीवन में बहुत कठिनाई आती है, लड़ाई झगड़ा, मनमुटाव चलता रहता है और खट्टी-मीठी नोकझोंक तो हर हेल्दी रिलेशनशिप का हिस्सा होता है। मगर नोक-झोंक जब एक दूसरे के इगो को लांघने लगता है तो समस्या गंभीर हो सकती है। इसीलिए पति पत्नी के रिश्ते में जितना महत्व एक दूसरे की समझ का होता है उतना ही महत्व धर्म, ज्योतिष और वास्तु का भी होता है।
अगर झगड़े बेवजह हो रहे हैं और रोज हो रहे हैं तो ये आपके रिश्ते में मनमुटाव और कड़वाहट बढ़ा सकता है जिसकी वजह आपके घर या बेडरूम का वास्तुदोष भी हो सकता है। वास्तु वह विज्ञान है जो किसी भी स्थान के पंच तत्वों को नियंत्रित करने में मदद करता है। वास्तु के अनुसार पति-पत्नी के बीच समस्याएं होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे घर में वास्तु के 5 तत्वों का असंतुलित होना, रसोईघर का गलत दिशा में होना, बेडरूम का बेड नुकीला होना या घर में बाथरूम का गलत दिशा में होना।
क्या है उपाय?
1. असंतुलित वास्तु तत्व-
वास्तु शास्त्र में पांच तत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश को बहुत महत्व दिया जाता है और माना जाता है कि धरती पर सबकुछ इन्हीं से मिलकर बना है। इन तत्वों के असंतुलन से घर में कलह की स्थिति पैदा हो सकती है। इसलिए, यह ज़रूरी है कि आपके घर में हर वस्तु को अपने स्थान पर रखें। जैसे- जूतों को इधर-उधर न रखें, घड़ी को सही दिशा में दीवार पर लगाएं, आदि।
2. रसोई घर का वास्तु-
रसोई घर वह स्थान है जहां भोजन बनता है और शुद्ध रखा जाना चाहिए। रसोईघर की दिशा पति-पत्नी के रिश्ते को मज़बूत बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। वास्तु के अनुसार रसोई घर को दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। साथ ही, यह साफ और हवादार होना भी होनी चाहिए।
3. बेडरूम का वास्तु-
पति-पत्नी के लिए बेडरूम सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। अगर आपका बिस्तर नुकीला है या दीवार से सटा हुआ है, तो इससे रिश्ते में दूरियाँ आ सकती हैं। सुखद और शांत वातावरण के लिए, अपने बिस्तर को दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर रखें और बेड के नुकीले छोर को हल्का गोल रखना चाहिए इससे रिश्ते में शांति और स्थिरता रहेगी।
4. अव्यवस्थित घर-
घर में फैला हुआ सामान ऊर्जा के प्रवाह में बाधा डालता है, जिससे उस घर में रहने वाले तनावग्रस्त और चिड़चिड़े हो सकते हैं। अपने घर में शांति बनाए रखने के लिए, नियमित रूप से सफाई करें और अपना सामान व्यवस्थित रखें।
5. बाथरूम का वास्तु-
बाथरूम की गलत दिशा सकारात्मक ऊर्जा का नाश कर सकती है। इसके दुष्प्रभावों को कम करने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जैसे- शौचालय की सीट को हमेशा बंद रखना और दरवाजे पर शीशा लगाना। इसके साथ ही बाथरूम को कभी भी उत्तर या उत्तर पश्चिम दिशा में ही बनाना चाहिए।
कलह दूर करने के लिए वास्तु उपाय-
पति पत्नी के रिश्तों में गड़बड़ी का सबसे बड़ा कारण होता है कलह, आपसी कलह से जीवन नरक बन जाता है और किसी के भी जीवन में शांति नहीं रह पाती है और पूरा परिवार बिखर जाता है। अपने रिश्ते में प्यार और समझ बढ़ाने के लिए, गुलाबी स्फटिक, अमेथिस्ट या स्फटिक जैसे क्रिस्टल को अपने घर के रिश्ते वाले कोनों में रखें। घर की सजावट के लिए हल्की रोशनी और शांत रंगों का इस्तेमाल करें ताकि एक आरामदायक वातावरण बन सके।
साथ ही हवा को शुद्ध करने के लिए इंडोर पौधे लगाएं ये आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार कर सकते हैं। इन पौधों को वास्तु के अनुसार सही दिशा में रखने से और भी ज़्यादा फायदा मिल सकता है। अगर आप अपने रिश्ते में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, तो वास्तु शास्त्र के ये सरल उपाय आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं। इस वास्तु टिप के साथ हम उम्मीद करते हैं कि आपके जीवन में कुछ बदलाव आएँ और जीवन सुखमय हो। आगे इसी तरह के और टिप्स आपको देते रहेंगे।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए ज्योतिष सागर उत्तरदायी नहीं है।