तांबे का बर्तन तो आमतौर पर सभी के घरों में होता है। तांबा को बहुत ही शुभ माना गया है। वैज्ञानिक कारणों से भी इसे बहुत अच्छा माना गया है, इसलिए तांबे के बर्तन में पानी पीने की सलाह दी जाती है। तांबे के बर्तन को लेकर कुछ वास्तु सुझाव भी हैं जिन्हें आपके लिए जानना बहुत जरूरी है। आज हम बात करेंगे कि तांबे के बर्तन को घर के किस दिशा में रखना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तांबे के बर्तन घर में निम्नलिखित दिशाओं में रख सकते हैं-
- पूर्व दिशा- पूर्व दिशा सूर्य देव की दिशा मानी जाती है। तांबा भी सूर्य ग्रह का प्रतीक है। इसलिए, पूर्व दिशा में तांबे के बर्तन, जैसे कि सूर्य, दीपक या कलश रखना शुभ माना जाता है।
- ईशान कोण- ईशान कोण देवताओं और ज्ञान की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में तांबे की वस्तुएं, जैसे कि तांबे का पिरामिड, श्री यंत्र, रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति को शांति भी मिलती है।
- उत्तर-पश्चिम दिशा- उत्तर-पश्चिम दिशा धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी जी की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में तांबे की वस्तुएं, जैसे कि तांबे का कलश, लक्ष्मी जी की मूर्ति, या तांबे का दीपक रखने से व्यक्ति को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।
- दक्षिण-पूर्व दिशा- दक्षिण-पूर्व दिशा को अग्नि देवता की दिशा मानी जाती है।इस दिशा में तांबे का दीपक, कलश, या तांबे का यंत्र रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है और स्वास्थ्य के साथ-साथ समृद्धि के लिए भी लाभदायक होता है।