घर बनाना हर किसी का सपना होता है। चाहे कोई पक्षी हो या इंसान, हर कोई अपनी जिंदगी में एक घर अवश्य बनवाना चाहता है। वैसे भी बड़े नसीब वाले ही अपनी जिंदगी में अपने हाथों से अपना घर बनवाते हैं। घर बनवाते समय वास्तु नियमों को अनदेखा नहीं करना चाहिए, क्योंकि भविष्य में इससे परेशानी हो सकती है। आज हम मुख्य द्वार के लिए वास्तु नियम की बात करेंगे…
क्या है मुख्य द्वार के लिए वास्तु नियम
- यदि आप कोई ऐसा घर बनवाने जा रहे हैं जिसका मुख पूर्व में तो प्रवेश द्वार उत्तर-पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। घर के मुख्य द्वार से सूर्य की किरणों का घर में आना वास्तु शास्त्र के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- मुख्य द्वार को भूलवश भी दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशाओं में नहीं बनवाना चाहिए। वास्तु के हिसाब से ये दिशाएं शुभ नहीं हैं।
- मुख्य द्वार का दरवाजा घर के अन्य दरवाजों से बड़ा होना चाहिए। वास्तु में इसे बहुत ही शुभ माना गया है। ऐसा द्वारा तरक्की के अनगिनत द्वार खोलता है और घर के लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहता है।
- वास्तु के नियमों के मुताबिक मुख्य द्वार का रंग किसी भी सूरत में काला नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे अहंकार, क्रोध, उदासी जैसी भावनाएं जन्म लेती हैं।
- मुख्य द्वार का हमेशा साफ रखें और जूते-चप्पल सामने ना रखें।