वैदिक ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 28 जून को शुक्र देव उदत हो रहे हैं। शुक्र को विवाह और सुख का कारक माना गया है। उदय होने के बाद अगले चार दिन शुक्र शिशु अवस्था में रहेंगे और उसके बाद 2 जुलाई 2024 को यौवन रूप में आएंगे।
2 जुलाई से ही जुलाई महीने में विवाह के मुहूर्त शुरू हो रहे हैं। 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी है यानी इस दिन से चातुर्माल शुरू हो जाएगा। इस दौरान शादी-विवाह जैसे कार्य नहीं होंगे। चातुर्मास में भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करते हैं।
ज्योतिष के मुताबिक जब कुंडली में गुरु और शुक्र मजबूत होते हैं तब शादी का योग बनता है, हालांकि किसी तरह के दोष होने से भी शादी में बाधा आती है। अगर आप भी शादी की योजना बना रहे हैं लेकिन बार-बार कोई अड़चन आ रही है तो गुरुवार के दिन कुछ उपाय करने से आपके कार्य बन सकता है। शादी में आ रही बाधा को दूर करने के लिए गुरुवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और इन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
लड़कियों के लिए मंत्र
ॐ देवेन्द्राणि नमस्तुभ्यं देवेन्द्रप्रिय भामिनि।
विवाहं भाग्यमारोग्यं शीघ्रलाभं च देहि मे ॥
ॐ शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंस नाय पुरुषार्थ
चतुस्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु-कुरु स्वाहा ।।
ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों स: गुरूवे नम:
क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा
अविवाहित लड़कों के लिए मंत्र
हे गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकरप्रिया ।|
तथा माँ कुरु कल्याणि कान्त कांता सुदुर्लभाम्।।
क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणिम्।
तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम्।।
ॐ सृष्टिकर्ता मम विवाह कुरु कुरु स्वाहा
ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए ज्योतिष सागर उत्तरदायी नहीं है।