
Holika Dahan Muhurat: होली का त्योहार भारतीय संस्कृति में उल्लास, प्रेम और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्वितीय संगम है। रंगों की इस अनुपम छटा से पहले फाल्गुन पूर्णिमा की रात्रि को होलिका दहन किया जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। किंतु इस वर्ष भद्रा काल का प्रभाव इस पावन अनुष्ठान पर मंडरा रहा है, जिससे मुहूर्त सीमित हो गया है। ऐसे में सही समय का ज्ञान अत्यंत आवश्यक है।
Holika Dahan Muhurat: तिथि एवं शुभ मुहूर्त
इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को प्रातः 10:35 बजे प्रारंभ होगी और 14 मार्च को दोपहर 12:24 बजे समाप्त होगी।
भद्रा का प्रभाव: इस वर्ष छोटी होली यानी होलिका दहन के दिन भद्रा का संयोग रहेगा, जो शुभ कार्यों के लिए अवरोध उत्पन्न करता है। भद्रा रात्रि 11:26 बजे समाप्त होगी, जिसके पश्चात ही होलिका दहन करना उचित रहेगा।
Holika Dahan Muhurat: होलिका दहन का सर्वोत्तम मुहूर्त:
13 मार्च 2025
रात्रि 11:26 बजे के पश्चात
अवधि: सीमित समय के लिए
होलिका दहन: पौराणिक दृष्टिकोण
होलिका दहन का उल्लेख विभिन्न पुराणों में मिलता है। पौराणिक कथा के अनुसार, असुरराज हिरण्यकश्यप अपने पुत्र प्रह्लाद की भगवान विष्णु के प्रति अटूट भक्ति से क्रोधित था। उसने कई प्रयास किए, किंतु प्रह्लाद को क्षति नहीं पहुंची। अंततः उसने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया कि वह प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठे, क्योंकि उसे अग्नि से न जलने का वरदान प्राप्त था।
Holi 2025: होलिका दहन के दिन जरूर ग्रहण करें ये चीजें, सौभाग्य की होती है प्राप्ति
किन्तु भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका भस्म हो गई। तभी से यह अनुष्ठान सत्य पर असत्य की जीत और धर्म की अधर्म पर विजय के प्रतीक रूप में मनाया जाता है।