
अंक ज्योतिष: जिनका जन्म किसी भी माह की 4, 13, 22 या 31 तारीख को हुआ है, वे मूलांक 4 के अंतर्गत आते हैं। इस अंक का स्वामी ग्रह सूर्य है, हालांकि कुछ विद्वान इसे हर्षल (यूरेनस) से भी संबंधित मानते हैं। फिर भी, सूर्य का इस अंक पर अधिक प्रभाव देखा गया है।
अंक ज्योतिष: मूलांक 4 वाले जातकों का व्यक्तित्व और स्वभाव
अंक ज्योतिष में मूलांक 4 के जातक मिलनसार, सामाजिक और परोपकारी होते हैं। इन्हें समाज एवं धार्मिक कार्यों में रुचि होती है और ये अपने सामर्थ्य के अनुसार आर्थिक सहयोग भी करते हैं। हालांकि, इनका जीवन उतार-चढ़ाव से भरा होता है—संघर्ष इनका स्थायी साथी होता है। कोई भी कार्य आसानी से संपन्न नहीं होता और भाग्य भी अनिश्चितता एवं बदलाव का शिकार रहता है।
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इनका स्वभाव अस्थिर होता है—कभी अत्यधिक क्रोध में आ जाते हैं तो कभी मोम की तरह कोमल और भावुक हो जाते हैं। ये बातों को मन में दबाकर रखते हैं, और भले ही दूसरों से सलाह लेते हों, अंततः वही करते हैं जो इन्हें उचित लगता है।
इनके जीवन में अचानक घटित होने वाली घटनाएँ आम बात होती हैं—कभी अप्रत्याशित रूप से खर्च बढ़ जाता है तो कभी अचानक कोई शुभ समाचार प्राप्त हो जाता है। ये योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने में असमर्थ होते हैं और इनकी संवेदनशीलता इन्हें छोटी-छोटी बातों को भी दिल से लगाने पर मजबूर कर देती है।
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शिक्षा और ज्ञान
मूलांक 4 वाले जातक अच्छी शिक्षा प्राप्त करने की क्षमता रखते हैं, लेकिन इनके अस्थिर स्वभाव के कारण कभी-कभी पढ़ाई अधूरी रह जाती है। इनकी विशेष रुचि विद्युत, अन्वेषण और अनुसंधान से जुड़े विषयों में होती है।
रोजगार और आर्थिक स्थिति
मूलांक 4 के व्यक्ति प्रायः ट्रांसपोर्ट, ठेकेदारी, इंजीनियरिंग, उद्योग, राजनीति, विज्ञान, चिकित्सा, वकालत और शिक्षा के क्षेत्र में सफल होते हैं। इन्हें मशीनरी, कृषि और तकनीकी कार्यों में भी अधिक लाभ होता है।
हालांकि, ये धन संचय में अधिक रुचि नहीं रखते। यदि इन्हें अचानक धन प्राप्त हो जाए, तो उसे आराम और ऐशो-आराम पर खर्च करने में संकोच नहीं करते। घर को सुंदर बनाने और भौतिक सुख-सुविधाओं पर इनका अधिक व्यय होता है। इन्हें चाहिए कि ये धन संचय की आदत विकसित करें।
स्वास्थ्य संबंधित चुनौतियाँ
मूलांक 4 के जातक प्रायः ऊर्जाहीनता के कारण रोगग्रस्त रहते हैं। इन्हें अक्सर मानसिक तनाव, अवसाद, पीठ दर्द, मूत्राशय संबंधी रोग, श्वास से जुड़ी समस्याएँ और पैरों में चोट जैसी तकलीफें हो सकती हैं। स्वास्थ्य को लेकर विशेष सतर्क रहने की आवश्यकता होती है।
रिश्ते और पारिवारिक जीवन
इनका भाई-बहनों से सामंजस्य कम रहता है और रिश्तेदारों से भी संबंध सामान्य ही रहते हैं। पिता के साथ भी मतभेद बने रहते हैं। हालांकि, ये दूसरों से शीघ्र मित्रता कर लेते हैं और जरूरत पड़ने पर सहायता भी करते हैं, लेकिन इनका लाभ इन्हें कम ही मिल पाता है। मूलांक 1, 2, 7 और 8 वाले व्यक्तियों से इनकी अधिक पटती है और यही लोग इनके सबसे घनिष्ठ मित्र भी होते हैं।
विवाह और संतान
इनका स्त्रियों की ओर विशेष आकर्षण होता है, लेकिन पारिवारिक जीवन में अधिक शांति नहीं रहती। इनमें प्रेम-विवाह की संभावना अधिक होती है और कुछ स्थितियों में एकाकी जीवन जीने की भी नौबत आ सकती है। संतान के मामले में इन्हें एक पुत्र की प्राप्ति प्रायः अवश्य होती है, किंतु संतान से सुख अपेक्षाकृत कम मिलता है।
शुभ तिथियाँ, दिन और रंग
इनके लिए 1, 2, 4, 7 और 9 मूलांक वाली तिथियाँ विशेष शुभ होती हैं। रविवार, सोमवार और मंगलवार के दिन इनके लिए अनुकूल रहते हैं। 21 जून से 20 अगस्त के बीच का समय इनके लिए विशेष लाभकारी सिद्ध होता है। इस अवधि में 1, 2, 7, 9, 10, 11, 16, 18, 19, 20, 25, 27, 28, 29 तारीखें अधिक शुभ फल देने वाली होती हैं। मूलांक 4 वाली तिथियों से बचना चाहिए। इनके लिए नीला, भूरा और स्लेटी रंग शुभ होते हैं। इन्हें हल्के या गहरे रंग का नीलम रत्न धारण करना चाहिए, जो त्वचा को स्पर्श करता रहे।