
Pahalgam attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। आतंकियों ने 26 बेगुनाह लोगों को मौत की नींद सुला दी है। घाटी से जब से धारा 370 को हटाया गया था तो उसके बाद से वहां शांति थी लेकिन इसे अशांति में बदल दिया गया है। इस वक्त भारत और पाकिस्तान दोनों देश के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन रही है लेकिन ज्योतिषीय नजर क्या कहती है, आइए समझते हैं…
2020 से ही है उथल पुथल
वर्ष 2020 से ही आकाशीय संरचनाओं की जटिल व्यूह-रचना ने पृथ्वी पर व्यापक हलचलें उत्पन्न की हैं, कहीं सुनामी की धधकती लहरें तो कहीं सत्ताओं की आपसी रार। गाजा से लेकर कीव और काबुल तक रणभेरी बज चुकी है। उसी श्रृंखला में अब भारत और पाकिस्तान के मध्य बढ़ती तल्ख़ी चिंतन का विषय बन चुकी है। कश्मीर में हालिया पर्यटकों पर आतंकी हमला उस शांत ज्वालामुखी के विस्फोट की आहट है, जिसे वर्षों से टाला जा रहा था। अतीत की सर्जिकल स्ट्राइक और सैन्य अभियानों ने जैसे दो देशों के बीच की रेखा को और अधिक सघन बना दिया है।

29 मार्च 2025: एक लौ सुलगती है
29 मार्च 2025 को शनि के मीन राशि में प्रवेश से राजनीतिक गलियारों में अनिश्चितता की आंधी तेज हो गई है। इसी दिन के बाद से विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और आंतरिक संघर्षों में बढ़ोतरी के संकेत मिले हैं। अतीत के संदर्भ में देखा जाए तो 1937 में शनि के इसी राशि में प्रवेश से द्वितीय विश्वयुद्ध का सूत्रपात हुआ था और जब 1965 में शनि मीन में गया, भारत-पाकिस्तान युद्ध की विभीषिका ने उपमहाद्वीप को झकझोर दिया। अब एक बार फिर यही ग्रह स्थिति बन रही है। इतिहास की पुनरावृत्ति की दस्तक साफ सुनाई दे रही है।
Pahalgam attack: बृहस्पति की अराजक चाल और राहु का नृत्य
2025 के मध्य से बृहस्पति की गतिवैषम्यता (अतिचारी स्थिति) और राहु का कुंभ में प्रवेश एक नवीन वैश्विक असंतुलन को जन्म दे सकता है। प्राचीन ग्रंथों में वर्णित ‘गुरु के अतिचारी अवस्था’ का संबंध महायुद्धों से जोड़ा गया है, चाहे वह महाभारत हो या द्वितीय विश्वयुद्ध। जब ज्ञान का देवता ही असंतुलित गति से भ्रमण करता है, तब समस्त सौरमंडलीय संतुलन बिगड़ जाता है। इस परिवर्तन का सबसे घातक असर मानव-मन पर होता है, जो अंततः हिंसा, विद्रोह, युद्ध और वर्चस्व की होड़ में परिणत होता है।
Pahalgam attack: POK पर ग्रह दृष्टि, भारत की रणनीतिक चाल
ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर, POK को लेकर भारत की सैन्य रणनीति अगले कुछ महीनों में निर्णायक मोड़ ले सकती है। ज्योतिषाचार्य रुद्र करण प्रताप के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली में मंगल महादशा भूमि-संबंधी विषयों को सक्रिय कर रही है, जिससे यह संभावना बन रही है कि अप्रैल 2025 से सितंबर 2026 के बीच POK का भारत में विलय संभव है।

इसी क्रम में हरियाणा निवासी ज्योतिष कुशल कुमार ने दावा किया है कि विश्व युद्ध के संकेत आकाशीय पटल पर स्पष्ट हैं। 8 मई के आसपास कोरिया, चीन-ताइवान और मध्य पूर्व में बढ़ी हलचल इसी बात का परिचायक है कि अब संघर्ष केवल सीमाओं का नहीं, बल्कि अस्तित्व का होगा।
Pahalgam attack: अस्त्रों से आगे ग्रहों की रणनीति
भारत की स्वतंत्रता की कुंडली में राहु और गुरु का 12वें भाव में गोचर तथा शनि का चतुर्थ भाव पर दृष्टिपात सत्ता परिवर्तन और युद्ध की स्थितियों को इंगित करता है। विशेष रूप से 17 से 30 अक्टूबर 2025 तक की समयावधि ज्योतिषीय दृष्टि से अति संवेदनशील है, जब भारत POK पर निर्णायक कार्रवाई की ओर अग्रसर हो सकता है।