नौ ग्रहों में न्यायाधीश कहलाने वाले शनिदेव कल यानि 30 जून की मध्यरात्रि 12:35 एएम (AM) पर वक्री होने वाले हैं। शनिदेव अपनी ही स्वराशि कुंभ राशि में वक्री होंगे। शनिदेव के वक्री होने का क्रम करीब 5 महीने यानी 139 दिन तक चलेगा और 15 नवंबर शाम 7:51 पीएम (PM) तक वह वक्री अवस्था में रहेंगे जिसके बाद स्थिति सामान्य होगी। शनिदेव का संबंध सेवा और कारक से होता है यानि इसका सीधा संबंध आपकी नौकरी और व्यवसाय से होता है क्योंकि वो सभी जातकों को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं।
धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं शनि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह सभी नौ ग्रहों में से सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं। शनि किसी भी एक राशि में करीब ढाई वर्षों तक रहते हैं। इसके अलावा शनिदेव समय-समय पर वक्री और मार्गी भी होते रहते हैं। भौगोलिक दृष्टि से देखें तो जब कोई भी ग्रह वक्री अवस्था में होता है तो वह पृथ्वी के करीब होता है। इसलिए उसका प्रभाव भी बढ़ जाता है। वक्री होने का अर्थ है कि उल्टी चाल चलने से होता है। यही वजह है कि जब शनि या कोई दूसरा भी ग्रह वक्री होता है तो उसका कुछ राशियों पर शुभ और अशुभ प्रभाव पड़ता है।
इन राशियों की चल रही है साढ़ेसाती
- मकर राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण चल रहा है। इस राशि की 26 जनवरी, 2017 से साढ़ेसाती शुरू हुई थी जो 29 मार्च 2025 पर खत्म होगी।
- कुंभ राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का द्वितीय चरण चल रहा है। इस राशि वाले लोगों पर वर्ष 2028 के दूसरे महीने यानि फरवरी तक साढ़ेसाती चलेगी।इसके बाद इस राशि के जातकों को साढ़ेसाती से छुटकारा मिल जाएगा।
- मीन राशि वाले के जातकों पर फिलहाल शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हुआ है जो वर्ष 2030 के अप्रैल महीने तक रहेगा।
- इसके साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि वाले जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है।
छाया दान करें
शनि ग्रह के वक्री होने के दौरान छाया दान का उपाय लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं हैं। इस तरह करें उपाय- एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें और फिर इसे शनि मंदिर में रख दें। इसके अलावा शनि की वक्री चाल में नित्य काले कुत्ते की सेवा करनी चाहिए। वहीं, शनिवार के दिन रोटी में तेल लगाकर काले कुत्ते को खिलाना चाहिए। ऐसा करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं और वक्री चाल में भी आपके जीवन में बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।
शनि के वक्री प्रभाव से बचने के लिए करें ये उपाय
- शनि की वक्री चाल में रोजाना शिवलिंग का जलाभिषेक करें तथा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें इससे शनि के अशुभ प्रभाव का असर नहीं पड़ता है।
- शनि ग्रह के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए प्रात: और संध्याकाल में ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ मंत्र का नित्य जाप करें।
- शनि मंदिर में तिल के तेल का दीपक जलाएं।
- शनि देव को तिल का तेल और काली उड़द चढ़ाएं।
- हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और हनुमानाष्टक का पाठ करें।
- शनि ग्रह के मार्गी होने तक नित्य दान-पुण्य करते रहें।
- काले कपड़े, जूते, लोहा, काले तिल, उड़द का दान करें।
शनि के वक्री होने से किस राशि पर पड़ेगा कैसा प्रभाव
मेष राशि वाले जातकों को बीमारी से राहत मिलेगी। कारोबार में मेहनत करेंगे तो आर्थिक लाभ होगा और शत्रु पक्ष परास्त होंगे। इस दौरान कर्ज़ बढ़ने की संभावना है। नौकरी में नए अवसरों की प्राप्ति हो सकती है।
वृषभ राशि वाले लोगों को इस दौरान यात्रा में सावधानी बरतनी होगी। कारोबारियों को परिश्रम के बाद भी सफलता कम मिल सकती है। आप अपने पिता जी के स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें। पढ़ाई करने और तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए यह समय बेहद अच्छा होगा।
मिथुन राशि के जातकों के ज़मीन, दुकान, मकान से संबंधित विवाद हो सकते हैं। किसी प्रॉपर्टी में लगाया हुआ पुराना निवेश कुछ लाभ दे सकता है। शनिदेव कोर्ट से संबंधित मामलों में सफलता दिलवाएंगे। धार्मिक कार्यों में मन लगेगा।
कर्क राशि वालों को उनके वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। आर्थिक का नुकसान हो सकता है। पेट से संंबंधित पीड़ा हो सकती है इसलिए इसका विशेष ध्यान रखें और अपनी मां के स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें।
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सिंह राशि वाले जातक आय से अधिक खर्च करेंगे। परिश्रम कठिन करना होगा तभी सफलता मिलेगी। घर में संतान का प्रवेश खुशियां लेकर आएगा। विद्यार्थी वर्ग को सफलता अवश्य मिलेगी। नवंबर में शनिदेव के मार्गी होने के बाद आपकी स्थिति में सुधार होगा।
कन्या राशि वालों को पैतृक संपत्ति से लाभ मिलने के योग बन रहे हैं। शनि के वक्री होने के दौरान समय आपके अनुकूल रहेगा। आपको रोगों से राहत मिलेगी। कारोबारी वर्ग को सफलता एवं वृद्धि होंगी। नौकरी में प्रमोशन होगा।
तुला राशि वाले जातकों को चुनौतियां मिलेंगी। घर वालों से बोलचाल बंद हो सकता है। दंपति संतान को लेकर चिंतित रहेंगे। किसी कार्य में निवेश करने से पहले सोच विचार अवश्य करें और अनुभवी लोगों से परामर्श अवश्य लें।
शनि के वक्री होने पर वृश्चिक राशि वाले लोगों की सुख सुविधाओं और लाभ में भी कमी आ सकती है। वैवाहिक जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। आपको हनुमान जी की पूजा करने से लाभ होगा इसलिए शनिवार के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।
शनि के वक्री होने से जहां पर कई राशियों के जातकों को हानि हो रही है जबकि धनु राशि वाले लोगों को इस दौरान धन लाभ और उनकी सुख-सुविधाओं में वृद्धि होने वाली है। आपको स्वास्थ्य में भी लाभ मिलने वाला है। यह समय नौकरी के लिए उत्तम है।
मकर राशि वाले जातक बुरे लोगों की संगत से भी दूर रहे वरना आपको बुरे व्यसनों की आदत लग सकती है। शनि के वक्री होने से आपको धन व्यय के योग बन रहे हैं। शत्रुपक्ष से आपकी परेशानी हो सकती है परंतु आप स्वयं पर भरोसा रखें।
कुंभ राशि वालों को फायदा प्राप्त करने के लिए अधिक प्रयास की आवश्यकता है। आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगाा। संतान को लेकर चिंतित रह सकते हैं। शनि के वक्री होने के बाद अगर आपको किसी यात्रा पर जाना पड़े तो यात्रा थोड़ा संभल कर सावधानी से करें।
शनि के वक्री होने के चलते मीन राशि वालों के पूरे होते कार्यों में विलंब आ सकता है। आपको पैतृक सुख का अभाव भी होगा। अपनी माता जी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। इस दौरान सुख-साधनों में कमी रहेगी। पत्नी के साथ कम बनेगी और अत्यधिक खर्चों से परेशान हो सकते हैैं।