Shani Dosh: सभी राशियों पर कैसा रहता है शनि का प्रभाव, शनि दोष के उपाय क्या-क्या हैं?

Shani Dosh: शनि देव को हिंदू ज्योतिष में न्याय का देवता माना जाता है। वे कर्मों के अनुसार फल देने वाले ग्रह हैं और प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में उनके प्रभाव का विशेष महत्व होता है। आमतौर पर, शनि को क्रूर ग्रह माना जाता है, लेकिन यह पूरी तरह सत्य नहीं है।

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शनि का प्रभाव जिसे Shani Dosh भी कहा जाता है, हर राशि पर अलग-अलग होता है और यह अच्छे और बुरे दोनों रूपों में फल देता है। इस लेख में, हम जानेंगे कि शनि का विभिन्न राशियों पर प्रभाव कैसा होता है, क्या शनि सभी राशियों के लिए अशुभ होता है, शनि दोष क्या होता है और इसके उपाय क्या हैं।

Shani Dosh: शनि का सभी राशियों पर प्रभाव

Shani Dosh: शनि ग्रह का प्रभाव व्यक्ति की राशि, कुंडली के भावों और उसकी दशा-अंतर्दशा पर निर्भर करता है। आइए जानते हैं कि शनि का बारह राशियों पर प्रभाव कैसा होता है…

1. मेष राशि (Aries)

शनि देव मेष राशि के स्वामी मंगल के साथ शत्रुता रखते हैं।
शनि का प्रभाव इस राशि के जातकों को मेहनत और संघर्ष कराता है।
अगर कुंडली में शनि शुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति अनुशासित, मेहनती और सफल बनता है।
अशुभ शनि धन हानि, क्रोध और मानसिक तनाव देता है।

उपाय: शनि से जुड़े कार्यों में संलग्न रहें, शनिवार को हनुमान जी की पूजा करें और काले तिल का दान करें।

2. वृषभ राशि (Taurus)

शनि इस राशि के स्वामी शुक्र के मित्र हैं, इसलिए यहां शनि का प्रभाव तुलनात्मक रूप से बेहतर रहता है।
यह व्यक्ति को धैर्यवान, ईमानदार और परिश्रमी बनाता है।
शुभ शनि धन, सुख, सफलता और प्रसिद्धि दिलाता है।
यदि अशुभ हो, तो स्वास्थ्य समस्याएं और रिश्तों में तनाव आ सकता है।

उपाय: शनिवार को काली उड़द दाल और लोहे का दान करें, शनि मंदिर में तेल चढ़ाएं।

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3. मिथुन राशि (Gemini)

मिथुन राशि के स्वामी बुध हैं और शनि के साथ उनकी मित्रता है।
शनि का प्रभाव जातकों को बुद्धिमान, व्यावहारिक और कुशल बनाता है।
शुभ शनि व्यापार, लेखन और संचार से जुड़े क्षेत्रों में सफलता देता है।
अशुभ होने पर मानसिक तनाव, धोखा और गलत निर्णय लेने की प्रवृत्ति बढ़ती है।

उपाय: शनिवार को काले घोड़े की नाल से बनी अंगूठी पहनें और शनि मंत्र का जाप करें।

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4. कर्क राशि (Cancer)

कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा हैं और शनि से इनका संबंध मध्यम है।
शुभ शनि व्यक्ति को संतुलित, सहनशील और धैर्यवान बनाता है।
अशुभ शनि मानसिक चिंता, माता से दूरी और भावनात्मक अस्थिरता ला सकता है।

उपाय: शनिदेव को नीला फूल चढ़ाएं और शिवजी की आराधना करें।

5. सिंह राशि (Leo)

सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं और वे शनि के शत्रु हैं।
यहां शनि जातकों को कठोर परिश्रम और संघर्ष के बाद ही सफलता दिलाता है।
शुभ शनि नेतृत्व क्षमता और प्रसिद्धि देता है।
अशुभ होने पर अहंकार, अपमान और करियर में रुकावटें आती हैं।

उपाय: शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करें और शनिचरी अमावस्या पर दान करें।

6. कन्या राशि (Virgo)

कन्या राशि के स्वामी बुध हैं और शनि से मित्रता रखते हैं।
शनि का प्रभाव जातकों को व्यवस्थित, मेहनती और कुशाग्र बुद्धि वाला बनाता है।
शुभ शनि इन्हें करियर में उच्च स्थान दिलाता है।
अशुभ होने पर स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आ सकती हैं।

उपाय: शनिदेव को काले तिल चढ़ाएं और गरीबों को भोजन कराएं।

7. तुला राशि (Libra)

तुला राशि के स्वामी शुक्र हैं और शनि के मित्र हैं।
यह शनि की उच्च राशि होती है, इसलिए तुला में शनि बहुत शुभ फल देता है।
जातक को धैर्य, सफलता और धन-संपत्ति मिलती है।
यदि अशुभ हो, तो निर्णय लेने में देरी और कानूनी समस्याएं हो सकती हैं।

उपाय: शनिवार को उड़द दाल और लोहे का दान करें।

8. वृश्चिक राशि (Scorpio)

वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं और शनि के शत्रु हैं।
यह जातकों के लिए जीवन में संघर्ष और कठिनाइयों का कारण बन सकता है।
शुभ होने पर शनि व्यक्ति को कठोर परिश्रम से सफलता दिलाता है।
अशुभ होने पर दुर्घटनाएं, स्वास्थ्य समस्याएं और वित्तीय संकट आ सकते हैं।

उपाय: शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

9. धनु राशि (Sagittarius)

धनु राशि के स्वामी बृहस्पति हैं, जो शनि के मित्र हैं।
शुभ शनि आध्यात्मिकता, ज्ञान और व्यापार में सफलता देता है।
अशुभ होने पर कानूनी मामले और धन हानि हो सकती है।

उपाय: शनि मंत्र का जाप करें और गरीबों की सेवा करें।

10. मकर राशि (Capricorn)

मकर शनि की अपनी राशि है, इसलिए यह शुभ परिणाम देता है।
यह जातकों को अनुशासित, मेहनती और ईमानदार बनाता है।
अशुभ होने पर मानसिक तनाव और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

उपाय: काले कुत्ते को रोटी खिलाएं और शनिदेव की उपासना करें।

11. कुंभ राशि (Aquarius)

यह शनि की दूसरी राशि है, इसलिए यहां शनि शुभ फल देता है।
जातक बुद्धिमान, विचारशील और समाजसेवी होता है।
अशुभ शनि व्यक्ति को अकेला और असहाय महसूस कराता है।

उपाय: शनिवार को काली चीजों का दान करें और जल में काले तिल प्रवाहित करें।

12. मीन राशि (Pisces)

मीन राशि के स्वामी बृहस्पति हैं।
शुभ शनि जातकों को धैर्यवान और आध्यात्मिक बनाता है।
अशुभ होने पर मानसिक तनाव और आर्थिक कठिनाइयां हो सकती हैं।

उपाय: भगवान विष्णु की उपासना करें और शनि यंत्र धारण करें।

शनि के दोष और इसके उपाय

शनि दोष तब बनता है जब शनि अशुभ स्थिति में होता है, जैसे शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, महादशा या पाप ग्रहों के साथ युति। इस दोष से वित्तीय संकट, स्वास्थ्य समस्याएं, पारिवारिक विवाद और कानूनी परेशानी हो सकती है।

शनिदेव केदोष के उपाय:

  • शनिदेव को तेल चढ़ाएं।
  • शनिवार को व्रत रखें।
  • पीपल के पेड़ की पूजा करें।
  • काले तिल, उड़द दाल और लोहे का दान करें।
  • शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जाप करें।

शनि ग्रह को लेकर कई भ्रांतियां हैं, लेकिन यह ग्रह सही कर्म करने वालों को सफलता भी देता है। उचित उपायों से शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है।

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