
Sundarkand: सुंदरकाण्ड, रामायण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें भगवान राम के भक्त हनुमान की वीरता और भक्ति का वर्णन किया गया है। यह काण्ड विशेष रूप से हनुमान जी द्वारा सीता माता की खोज और रावण के साथ युद्ध के प्रसंगों को समाहित करता है। सुंदरकाण्ड का पाठ न केवल भक्ति का साधन है, बल्कि यह मानसिक शांति और सकारात्मकता का भी स्रोत है। सुंदरकाण्ड के पाठ से पहले मंगलाचरण का पाठ होता है।
Sundarkand: सुंदरकाण्ड में हनुमान जी की अद्भुत शक्तियों और उनके साहस का वर्णन है। इसमें सीता माता की खोज, रावण के दरबार में हनुमान का साहसिक प्रवेश, और रावण को चुनौती देने के प्रसंग शामिल हैं। हनुमान जी की भक्ति और समर्पण का यह काण्ड भक्तों को प्रेरित करता है और उन्हें कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है।
शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं
ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम् ।
रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं
वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूड़ामणिम्॥१॥
नान्या स्पृहा रघुपते हृदयेऽस्मदीये
सत्यं वदामि च भवानखिलान्तरात्मा।
भक्तिं प्रयच्छ रघुपुङ्गव निर्भरां मे
कामादिदोषरहितं कुरु मानसं च॥२॥
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि॥३॥
सुंदरकाण्ड पाठ का लाभ
- मानसिक शांति: यह पाठ मानसिक तनाव को कम करता है और मन को शांति प्रदान करता है।
- सकारात्मकता: सुंदरकाण्ड का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- भक्ति का अनुभव: यह पाठ भक्तों को भगवान राम और हनुमान जी के प्रति गहरी भक्ति का अनुभव कराता है।
सुंदरकाण्ड पाठ एक आध्यात्मिक यात्रा है, जो न केवल भक्ति का साधन है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और साहस का संचार भी करता है। इसे नियमित रूप से करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का अनुभव होता है। इस प्रकार, सुंदरकाण्ड पाठ को अपने दैनिक जीवन में शामिल करना एक उत्तम विचार है।