
हिंदू धर्म में पशु-पक्षियों को भोजन कराना पुण्य और धार्मिक कर्म माना जाता है। कुत्ते को रोटी खिलाने की परंपरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है, और इसके पीछे धार्मिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक कारण छिपे हुए हैं। शास्त्रों में भी कुत्ते को भोजन कराने का उल्लेख मिलता है। आइए जानते हैं, इसके पीछे क्या मान्यताएं और कारण बताए गए हैं।
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1. पितृ तर्पण और पितृ दोष निवारण
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, कुत्ता यमराज और भैरव का वाहन माना जाता है। इसे पितरों से भी जोड़ा जाता है। गरुड़ पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति कुत्ते को भोजन कराता है, तो उसके पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। यह कर्म पितृ दोष को दूर करने में सहायक माना जाता है।
2. शनि और राहु-केतु दोष निवारण
ज्योतिष शास्त्र में कुत्ता राहु और केतु से संबंधित माना गया है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि, राहु या केतु ग्रह अशुभ स्थिति में हैं, तो कुत्ते को रोटी या भोजन खिलाने से इन ग्रहों के दोष शांत होते हैं और जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं।
3. कुत्ते को रोटी खिलाने से कालभैरव की कृपा प्राप्त होती है
भगवान कालभैरव का वाहन कुत्ता है। कुत्ते को भोजन कराने से भगवान भैरव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, और जीवन में आने वाली अचानक की परेशानियां और बाधाएं दूर हो जाती हैं।
4. गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता
धार्मिक दृष्टि से, किसी भी जीव को भोजन कराना पुण्यकारी होता है। कुत्ते अक्सर बेसहारा होते हैं और उन्हें भोजन देना गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करने के समान माना जाता है। यह कार्य करुणा और परोपकार की भावना को भी बढ़ाता है।
5. घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास
कहते हैं कि जिस घर में कुत्ते को रोटी दी जाती है, वहां नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियां प्रवेश नहीं कर पातीं। यह घर में सुख-समृद्धि और शांति लाने वाला कार्य माना जाता है।
कैसे और कब खिलाएं कुत्ते को रोटी?
- शनिवार और रविवार को कुत्ते को सरसों के तेल लगी रोटी खिलाना शुभ माना जाता है।
भैरव अष्टमी या अमावस्या के दिन कुत्ते को मीठी रोटी देने से विशेष फल मिलता है।
कुत्ते को नियमित रूप से भोजन कराना न केवल धार्मिक लाभ देता है बल्कि पशु सेवा और दया भावना को भी बढ़ावा देता है। - कुत्ते को रोटी खिलाने की परंपरा केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि मानवता और जीव दया की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह न केवल शनि, राहु-केतु और पितृ दोष को दूर करता है, बल्कि परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी लाता है। इसलिए, यदि संभव हो तो हर किसी को कुत्ते या किसी भी अन्य भूखे जीव को भोजन अवश्य कराना चाहिए।