Sri Ram Chalisa: श्री राम चालीसा
श्री रघुवीर भक्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ निशिदिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और नहिं होई॥ ध्यान धरे शिवजी मन माहीं। ब्रह्म इन्द्र पार नहिं पाहीं॥और पढ़ें
Read moreShani Chalisa: शनि चालीसा
॥दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय, राखहुऔर पढ़ें
Read moreVivah Muhurat 2024: जुलाई 2024 में शुभ विवाह मुहूर्त
जुलाई में विवाह के लिए 6 शुभ दिन उपलब्ध हैं। यहां विवाह के लिए केवल पंचांग शुद्धि की जानकारी दी जा रही है। विवाह की तिथि के लिए अपने पुरोहितऔर पढ़ें
Read moreVivah Muhurat 2024: अप्रैल 2024 में शुभ विवाह मुहूर्त
अप्रैल में विवाह के लिए 3 शुभ दिन उपलब्ध हैं। यहां विवाह के लिए केवल पंचांग शुद्धि की जानकारी दी जा रही है। विवाह का तिथि के लिए अपने पुरोहितऔर पढ़ें
Read moreVivah Muhurat 2024: मार्च 2024 में शुभ विवाह मुहूर्त
मार्च 2024 में कुल 10 दिन शुभ विवाह के लिए उपलब्ध हैं। यहां विवाह के लिए केवल पंचांग शुद्धि की जानकारी दी जा रही है। विवाह की तिथि के लिएऔर पढ़ें
Read moreVivah Muhurat 2024: फरवरी 2024 में शुभ विवाह मुहूर्त
फरवरी में विवाह के लिए 11 शुभ दिन उपलब्ध हैं। यहां विवाह के लिए केवल पंचांग शुद्धि की जानकारी दी जा रही है। विवाह की तिथि के लिए अपने पुरोहितऔर पढ़ें
Read moreShri Ram Janki: श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में
ना चलाओ बाण, व्यंग के ऐ विभिषण, ताना ना सह पाऊं, क्यूँ तोड़ी है ये माला, तुझे ए लंकापति बतलाऊं, मुझमें भी है तुझमें भी है, सब में है समझाऊँ,और पढ़ें
Read moreVivah Muhurat 2024: जनवरी 2024 में शुभ विवाह मुहूर्त
साल 2024 में भी हर साल की तरह करोड़ों शादियां होंगी। शादियों के लिए एक शुभ महत्वपूर्ण होता है। हिंदू धर्म में शादी जीवनभर का साथ होता है। ऐसे मेंऔर पढ़ें
Read moreSwasti Vachan Mantra: स्वस्तिवाचन
ॐ आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतोऽदब्धासो अपरीतास उद्भिदः । देवा नो यथा सदमिद् वृधे असन्नप्रायुवो रक्षितारो दिवे दिवे॥ देवानां भद्रा सुमतिर्ऋजूयतां देवानारातिरभि नो निवर्तताम्। देवानांऽ सख्यमुपसेदिमा वयं देवा नऔर पढ़ें
Read moreSatyanarayan Ji Ki Aarti: श्री सत्यनारायण जी की आरती
जय लक्ष्मी रमणा श्री जय लक्ष्मी रमणा। सत्यनारायण स्वामी जनपातक हरणा॥ जय लक्ष्मी रमणा। रत्नजड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजे। नारद करत निराजन घंटा ध्वनि बाजे॥ जय लक्ष्मी रमणा। प्रगट भयेऔर पढ़ें
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