सिंह- मा, मी, मु, मे, मो, टा, टी, टू, टे
वर्षारम्भ में शुभफल प्रदान करने वाला बृहस्पति 1 मई से परिवर्तित होकर थोड़ा – मध्यम फल कारक हो जाएगा। सामाजिक मान-सम्मान एवं पद प्रतिष्ठा में कमी आ जाएगी। स्वास्थ्य ठीक न रहने से मन उदास एवं शरीर थका-हारा सा रहेगा। पैसे की कमी से मनचाहे कार्य आप नहीं कर पाएंगे। झगड़ा-झंझट, वाद-विवाद से दूर ही रहने का प्रयास करें अन्यथा अपमानित होने का भय रहेगा। अनावश्यक पैसा खर्च होता रहेगा।
सप्तम भाव में संचरण करता हुआ शनि आपको काम तो देता रहेगा तथा व्यस्त भी रखेगा किन्तु तदनुसार लाभ नहीं होगा। बौद्धिक क्षमता में कमी आ जाएगी एवं स्वजनों मित्रों परिजनों से पूर्ण सहयोग प्राप्त नहीं हो पायेगा जिससे मानसिक पीड़ा पहुँचेगी। राहु अष्टम भाव का है जिसके कारण अकस्मात् कोई ऐसा कार्य बन जायेगा जिससे लाभ हो जाएगा किन्तु पेट से संबंधित कोई परेशानी हो सकती है।
आपरेशन इत्यादि की भी सम्भावना बन सकती है। केतु के कारण में धन का लाभ तो होगा किन्तु नेत्र विकार भी हो सकता है। गुरु एवं शनि दोनों की ग्रह शान्ति का उपाय करते रहने से विपरीत परिस्थियों में भी रास्ता निकलता रहेगा। “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” तथा ॐ शं शनैश्चराय नमः के 1-1 माला का जप नित्य करते रहें इससे लाभ मिलेगा।