मीन- दी, दु, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची
वर्षारंभ में शुभ फल प्रदान करता हुआ बृहस्पति 1 मई से बदल कर तृतीय भाव में कठिनाई आती रहेंगी, शारीरिक सुख-स्वास्थ्य भी बाधित रहा करेगा और अपने 3 मित्र एवं परिजनों से विवाद उत्पन्न होगा। नौकरी, व्यवसाय, रोजी-रोजगार में बाधा उत्पन्न होने से आर्थिक समस्या पैदा होती रहेगी। आपके परिजनों को कठिनाई से गुजरना होगा और आपके द्वारा की गई यात्राओं का आपको मनोनुकूल लाभ नहीं मिल पाएगा।
शनि के बारहवें भाव में होने के कारण आपको एक के बाद एक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। आपकी राशि में ही संचरण करता हुआ राहु आपकी मान-मर्यादा में आयी कमी को थोड़ा सतुंलन प्रदान करेगा। आर्थिक समस्याओं को कम करेगा और आपके और आपके सगे संबंधियों को धन-लाभ करवाएगा। चन्द्रमा का शत्रु होने के कारण राहु आपको मानसिक रूप से तनाव देगा।
सातवें भाव में होने के कारण केतु आपको राजकीय कार्यों में सफलता प्रदान करायेगा और मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। चूँकि चूँकि आप शनि की चढ़ती साढ़े साती के चपेट में है अतः शनि की शांति के लिए हनुमान जी की अराधना करना श्रेयस्कर होगा। ॐ शं शनैश्चराय नमः का एक माला जप नित्य करें तो कष्ट कटता जायेगा।