Govardhan Puja 2024: आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है और आज के दिन ही गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जा रहा है। गोवर्धन पूजा का पर्व दिवाली के अगले दिन मनया जाता है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण द्वारा ने गोवर्धन पर्वत उठाकर गोकुलवासियों को इंद्र देवता के प्रकोप से बचायी थी। इस दिन को मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है और इसमें गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की परंपरा है।
गोवर्धन पूजा का महत्व
भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों को इंद्र देवता के अत्यधिक पूजा-पाठ की जगह प्रकृति और गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की सलाह दी थी, जिससे इंद्र नाराज हो गए और गोकुल पर मूसलधार वर्षा करने लगे। इस पर श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर गांववासियों को आश्रय दिया और इंद्र का अहंकार तोड़ा। तब से इस पर्व को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाने लगा।
गोवर्धन पूजा का समय
आज यानी 2 नवंबर यानी प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा की जा रही है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 1 नवंबर को शाम 6 बजकर 16 मिनट से हो रही है और तिथि का समापन 02 नवंबर को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के नियम के अनुसार गोवर्धन पूजन 02 नवंबर को हो रहा है। पूजा का शुभ मुहूर्त 02 अक्तूबर को दोपहर 03 बजकर 22 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 34 मिनट तक का है। इस शुभ मुहूर्त में गोवर्धन पूजा करना बहुत ही शुभ है।
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त : 06:34 से 08:46 तक
गोवर्धन पूजा सायंकाल मुहूर्त :15:22 से 17:34 तक
गोवर्धन पूजा विधि
- सुबह स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं।
भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गौ माता की पूजा करें।
पूजा में अन्नकूट का भोग चढ़ाएं, जिसमें विभिन्न प्रकार के व्यंजन, मिठाइयां और सब्जियां शामिल होती हैं।
गोवर्धन पूजा और अन्नकूट
गोवर्धन पूजा में अन्नकूट प्रसाद का विशेष महत्व होता है, जिसमें कई तरह के पकवान और मिठाइयां बनाई जाती हैं। इसे सामूहिक भोज के रूप में भी मनाया जाता है, जहां लोग एक साथ भोजन करते हैं और कृष्ण भक्ति में लीन होते हैं।