Hanuman Jayanti 2025: कौन-कौन हैं बजरंगबली की अष्ट सिद्धियाँ और नव निधियाँ?

सनातन धर्म में हनुमान जी को परम भक्त, महाशक्ति, और संकटमोचन के रूप में पूजा जाता है। उन्हें शिवजी का रुद्रावतार भी माना गया है। रामचरितमानस और पुराणों में उल्लेख मिलता है कि हनुमान जी को अष्ट सिद्धियाँ और नव निधियाँ प्राप्त थीं। हनुमान जी को ‘अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता’ कहा जाता है. यह वाक्य हनुमान चालीसा की एक चौपाई में मिलता है। यह शक्तियाँ उन्हें श्रीराम की कृपा और माता अंजनी व वायुदेव के आशीर्वाद से प्राप्त हुई थीं।

Hanuman Jayanti: कब है हनुमान जयंती 12 या 13 अप्रैल? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Hanuman Jayanti 2025:  अष्ट सिद्धियाँ (8 सिद्धियाँ)

अष्ट सिद्धियाँ वे अद्भुत योगिक शक्तियाँ हैं, जिनके माध्यम से कोई भी साधक भौतिक और आध्यात्मिक जगत को नियंत्रित कर सकता है। हनुमान जी इन सभी आठों सिद्धियों के पूर्ण अधिकारी हैं। ये सिद्धियाँ इस प्रकार हैं:

  1. अणिमा (Anima)- अपने शरीर को अणु के समान सूक्ष्म बना लेने की शक्ति।
  2. महिमा (Mahima)- अपने शरीर को विशाल रूप में विस्तारित कर लेने की शक्ति।
  3. गरिमा (Garima)- शरीर को अत्यधिक भारी बना लेने की शक्ति।
  4. लघिमा (Laghima)- शरीर को बहुत ही हल्का बना लेने की शक्ति।
  5. प्राप्ति (Prapti)- किसी भी वस्तु को, कहीं भी जाकर प्राप्त कर लेने की शक्ति।
  6. प्राकाम्य (Prakamya)- इच्छित वस्तु की प्राप्ति या उसे साकार करने की शक्ति।
  7. ईशित्व (Isitva)- संसार पर शासन करने की शक्ति।
  8. वशित्व (Vasitva)- अन्य जीवों, वस्तुओं या इंद्रियों को वश में करने की शक्ति।

Doctor Hanuman Ji: इस मंदिर में क्यों गोपी वेश धारी रूप में विराजमान हैं ‘डॉक्टर हनुमान’, दर्शन मात्र से ठीक हो जाते हैं कई बड़े रोग

Hanuman Jayanti 2025:  नव निधियाँ (9 निधियाँ)

“नव निधियाँ” कुबेर की विशेष संपत्तियाँ मानी जाती हैं, जो भौतिक और आध्यात्मिक समृद्धि का प्रतीक हैं। ये हनुमान जी को उनके परम तप और सेवा के कारण प्राप्त हुईं।

इन 9 निधियों के नाम:

  1. पद्म
  2. महापद्म
  3. शंख
  4. मकर
  5. कच्छप
  6. मुखुंद
  7. कुंद
  8. नील
  9. खर्व

माता सीता का वरदान

अशोक वाटिका की गहन छाया में जब हनुमानजी ने माता सीता का दर्शन किया, उस क्षण उनकी लघिमा सिद्धि ने अद्भुत चमत्कार किया। यही वह अलौकिक शक्ति थी जिसने उन्हें एक तिनके के समान सूक्ष्म कर दिया, ताकि वे बिना किसी विघ्न के माता के सम्मुख उपस्थित हो सकें।

माता सीता द्वारा प्रदान किया गया यह दिव्य वरदान, केवल उन्हें संकटों का निवारक नहीं बनाता- यह उन्हें आध्यात्मिक ऊर्जा और भौतिक जगत के बीच सेतुबंध की भांति प्रतिष्ठित करता है। जब कोई श्रद्धालु अपनी विकल पुकार के साथ उन्हें स्मरण करता है, तो हनुमान केवल भय का हरण नहीं करते, बल्कि उस जीवन में एक अनजानी ज्योति की सौगात छोड़ जाते हैं।

यह वरदान जीवन की दिशा को मोड़ता है- एक ऐसी दिशा जो साधारणता की सीमाओं को तोड़कर आत्मबोध और ब्रह्म की ओर यात्रा प्रारंभ कर देती है। हनुमानजी केवल एक देव नहीं, बल्कि चेतना के जागरण की ज्वाला हैं, जो हर भक्त की अंतरात्मा में विश्रांति भरते हैं।

यह वही शक्तिपुंज हैं, जिनके चरणों में समर्पण मात्र से अदृश्य बंधनों का क्षय होता है और मनुष्य एक नवीन आकाश की ओर उन्मुख होता है- जहाँ भय नहीं, केवल विश्वास की सांसें होती हैं।

Related Posts

Panchkoshi Yatra 2025: 23 अप्रैल से शुरू हो रही है पंचकोसी यात्रा, जानें इसका महत्व

Panchkoshi Yatra 2025: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में हर साल की तरह इस बार भी वैशाख कृष्ण दशमी के पावन अवसर पर पंचकोशी यात्रा का शुभारंभ 23 अप्रैल 2025और पढ़ें

और पढ़ें

प्रदोष व्रत 2025: इस दिन इन दिव्य वस्तुओं से करें शिवलिंग का स्नान, बनेंगे सारे काम

प्रदोष व्रत 2025: सनातन संस्कृति में प्रदोष व्रत का स्थान तप और पुण्य की श्रृंखला में सर्वोच्च गिना जाता है। इस अद्भुत तिथि पर संध्या के पवित्र समय में भगवानऔर पढ़ें

और पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share
मेष राशि के लिए लाल किताब के अचूक टोटके बजरंगबली की अष्ट सिद्धियाँ कौन हैं? Mahakumbh 2025 की 10 शानदार तस्वीरें महाकुंभ की 10 अनदेखी तस्वीरें कुंभ मेले में आकर्षण का केंद्र बने “मस्कुलर बाबा”