छींक विचार: एक नाक, दो छींक, काम बने सब ठीक, जानिए छींक से जुड़े शकुन और अपशकुन
छींक का आना एक स्वभाविक प्रक्रिया है। यह किसी को भी किसी भी वक्त आ सकती है। इंसान हो या जानवर छींक सभी को आती है। कई बार छींक तेजऔर पढ़ें
और पढ़ेंDevshayani Ekadashi: देवशयनी एकादशी से योगनिद्रा में चल जाएंगे सृष्टि के पालनकर्ता, अगले चार माह तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य
सनातन धर्म में एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है। प्रत्येक माह में दो एकादशी आती हैं परंतु आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसेऔर पढ़ें
और पढ़ेंGanesha Pancharatnam: गणेश पंचरत्नम्
मुदा करात्त मोदकं सदा विमुक्ति साधकम् कलाधरावतंसकं विलासलोक रक्षकम्। अनायकैक नायकं विनाशितेभ दैत्यकम् नताशुभाशु नाशकं नमामि तं विनायकम्॥1॥ नतेतराति भीकरं नवोदितार्क भास्वरम् नमत्सुरारि निर्जरं नताधिकापदुद्धरम्। सुरेश्वरं निधीश्वरं गजेश्वरं गणेश्वरं महेश्वरंऔर पढ़ें
और पढ़ेंAnnapurna Stotram: अन्नपूर्णा स्तोत्रम्, नित्य पाठ करने से नहीं होगी धन्य धान्य की कमी
नित्यानन्दकरी वराभयकरी सौन्दर्यरत्नाकरी निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमाहेश्वरी । प्रालेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥१॥ नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरी मुक्ताहारविलम्बमानविलसद्वक्षोजकुम्भान्तरी । काश्मीरागरुवासिताङ्गरुचिरे काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलम्बनकरी मातान्नपूर्णेश्वरी ॥२॥ योगानन्दकरी रिपुक्षयकरी धर्मार्थनिष्ठाकरी चन्द्रार्कानलभासमानलहरी त्रैलोक्यरक्षाकरी ।और पढ़ें
और पढ़ेंAshtalakshmi Stotram: अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम्
॥ आदिलक्ष्मि ॥ सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि,चन्द्र सहोदरि हेममये मुनिगणमण्डित मोक्षप्रदायनि,मञ्जुळभाषिणि वेदनुते। पङ्कजवासिनि देवसुपूजित,सद्गुण वर्षिणि शान्तियुते जय जय हे मधुसूदन कामिनि,आदिलक्ष्मि सदा पालय माम्॥1॥ ॥ धान्यलक्ष्मि ॥ अहिकलि कल्मषनाशिनि कामिनि,वैदिकरूपिणिऔर पढ़ें
और पढ़ेंDvadasa Jyotirlinga Stotram: द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रिशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोमकारममलेश्वरम्॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशंकरम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारूकावने॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यंबकं गौतमी तटे। हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥ एतानिऔर पढ़ें
और पढ़ेंShri Suktam Path: श्री सूक्तम्
ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्णरजतस्त्रजाम् । चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आ वह ।। तां म आ वह जातवेदो, लक्ष्मीमनपगामिनीम् । यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम् ।। अश्वपूर्वां रथमध्यां, हस्तिनादप्रमोदिनीम् ।और पढ़ें
और पढ़ेंPurusha Suktam: पुरुष सुक्तम् – सहस्रशीर्षा पुरुषः सहस्राक्षः सहस्रपात्
सहस्रशीर्षा पुरुषः सहस्राक्षः सहस्रपात् । स भूमिं विश्वतो वृत्वात्यतिष्ठद्दशाङुलम् ॥१॥ पुरुष एवेदं सर्वं यद्भूतं यच्च भव्यम् । उतामृतत्वस्येशानो यदन्नेनातिरोहति ॥२॥ एतावानस्य महिमातो ज्यायाँश्च पूरुषः । पादोऽस्य विश्वा भूतानि त्रिपादस्यामृतं दिविऔर पढ़ें
और पढ़ेंSwasti Vachan Mantra: स्वस्तिवाचन
ॐ आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतोऽदब्धासो अपरीतास उद्भिदः । देवा नो यथा सदमिद् वृधे असन्नप्रायुवो रक्षितारो दिवे दिवे॥ देवानां भद्रा सुमतिर्ऋजूयतां देवानारातिरभि नो निवर्तताम्। देवानांऽ सख्यमुपसेदिमा वयं देवा नऔर पढ़ें
और पढ़ेंKanakdhara Stotra: अपार धन-संपदा के लिए करें कनकधारा स्तोत्र का पाठ
कनकधारा स्तोत्र माता लक्ष्मी को आकर्षित करने वाला सबसे बड़ा मंत्र है। मान्यता है कि नियमित तौर पर कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने वालों को धन-धान्य की कमी नहीं रहतीऔर पढ़ें
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