
आज यानी 3 जनवरी 2025 को पंचक की शुरुआत हो रही है। यह इस साल का पहला पंचक है। पंचक भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो चंद्रमा की गति और नक्षत्रों के आधार पर निर्धारित की जाती है। यह पांच नक्षत्रों का एक समूह है, जिसमें धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, और रेवती शामिल होते हैं। जब चंद्रमा इन नक्षत्रों में यात्रा करता है, तो उसे पंचक काल कहा जाता है।
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कब से कब तक है पंचक
3 जनवरी 2025 को सुबह 10.47 मिनट से पंचक की शुरुआत हो रही है जो कि 7 जनवरी को शाम 05.50 मिनट पर खत्म होगी।
पंचक में क्या नहीं करना चाहिए
- घर निर्माण या छत डालने का कार्य- पंचक के दौरान घर की छत डालना या निर्माण कार्य करना अशुभ माना जाता है। यह दुर्घटना या आर्थिक हानि का कारण बन सकता है।
- दक्षिण दिशा में यात्रा- पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए क्योंकि यह दिशा यमराज की मानी जाती है और इसे अशुभ समझा जाता है।
- लकड़ी या ईंधन का संग्रह- इस समय लकड़ी, ईंधन या अन्य सामग्री इकट्ठा करना वर्जित है। इसे अग्नि दुर्घटनाओं का कारण माना जाता है।
- शव दाह संस्कार- यदि पंचक में किसी का अंतिम संस्कार होता है, तो मान्यता है कि परिवार में पांच अन्य मृत्यु हो सकती हैं। इसे टालने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं, जैसे कि पांच पुतले बनाकर उनका दाह संस्कार।
- नया व्यापार या वाहन खरीदना- पंचक काल में नए व्यापार की शुरुआत या वाहन खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि इसे स्थिरता और लाभ के लिए अशुभ माना जाता है।
कुल मिलाकर कहें तो पंचक काल में सोच-समझकर कार्य करना चाहिए। यदि यह अवधि टाली नहीं जा सकती, तो धार्मिक और ज्योतिषीय उपाय करके अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है।