Sawan Special: उत्तर प्रदेश के प्राचीन शिव मंदिर, केवल हरदोई में चार मंदिर, औरंगजेब ने किया था नष्ट करने का प्रयास

हरदोई उत्तर प्रदेश का एक महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक एवं पौराणिक जनपद है। इसके कई स्थान ऐसे हैं, जिनका इतिहास हजारों वर्ष पुराना है। भारत के अन्य भागोंकी भांति इस जनपद की धरती पर शैव, शाक्त एवं वैष्णव सम्प्रदायों को फूलने एवं फलने का अच्छा अवसर प्राप्त हुआ है। बड़ी संख्या में निर्मित ठाकुरद्वारा, शिवालय एवं दुर्गा मंदिर इसके प्रत्यक्ष प्रमाण है। पूजा-अर्चना एवं मेलों आदि की दृष्टि से यहां शिव-मंदिरों को प्रधानता है। प्रतिवर्ष श्रावण मास के सोमवारों एवं फाल्गुन मास की शिवरात्रि पर अपार जनसमूह पूजा के लिये उमड़ पड़ता है।

Sawan Special: उत्तर प्रदेश के कुछ पौराणिक शिव मंदिर, वृंदावन में विराजमान हैं गोपीश्वर महादेव

हरदोई जनपद के प्रायः सभी भागों में बड़ी संख्या में शिवालय बने हुए हैं, पर कुछ शिव मंदिर अति प्राचीन हैं और उनकी महत्ता भी अधिक है। इन शिव मंदिरों में आकर महिलाएं अपने बच्चों के संस्कार भी सम्पन्न करती हैं। इनमें मढ़िया के सिद्धेश्वर महादेव, विलग्राम के मन्शानाथ महादेव, हरदोई के बाबा महादेव, सकाहे के संकटहरण महादेव तथा भगवन्तनगर-मल्लावां के स्वनाकी नाथ महादेव के मंदिर अधिक लोकप्रिय हैं। यहां संक्षेपमें इनका विवरण दिया जा रहा है…

सिद्धेश्वर महादेव – सिद्धेश्वर महादेव का मंदिर मढ़िया (वावटमऊ) ग्राम विलग्राम तहसील में विलग्राम- कन्नौज-मार्गपर स्थित है। इस क्षेत्र में इतना विशाल एवं प्राचीन मंदिर कोई नहीं है। इस क्षेत्र में जब कोई विवाह, यज्ञोपवीत या अन्य कोई माङ्गलिक कार्य होता है तो सर्वप्रथम इसी शिवालय में पूजा की जाती है। इस मंदिर में शिव भगवान्‌ के अतिरिक्त दुर्गा देवी की कई मूर्तियां भी हैं। भगवान् विष्णु की मूर्ति भी सुशोभित है।

स्वनाकीनाथ महादेव – मल्लावाँ भगवन्तनगर का शिव मंदिर नगर से दक्षिण दिशा में लगभग 5 कि० मी० की दूरी पर है। यह स्वनाकीनाथ मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। बताया जाता है कि यह मंदिर मुगल-शासन-काल में निर्मित कराया गया था। औरंगजेब के शासन काल में यवनों ने इस मूर्ती को तोड़ने का प्रयास किया लेकिन विषैले जंतुओं के प्रकोप के कारण वे लोग वैसा न कर सके। विलग्राम तहसील में यह शिवालय सर्वाधिक प्राचीन माना जाता है।

Sawan Special: बिहार के पौराणिक शिव मंदिर, मिथिलांचल में रही है शिव मंदिरों की प्रधानता

मन्शानाथ महादेव – विलग्राम नगर हरदोई कन्नौज-मार्ग तथा हरदोई-कानपुर-मार्ग के संधि-स्थान पर हरदोई से 27 कि० मी०की दूरी पर बसा है। यह एक पौराणिक, ऐतिहासिक एवं साहित्यिक नगर है। महाभारत-काल से जुड़े इस नगर का इतिहास बड़ा गौरवशाली रहा है। इसी नगर के उत्तर में महादेव मन्शानाथ का प्राचीन मंदिर है। इसका जीर्णोद्धार करवाया गया है। इसमें मन्शानाथ महादेव का शिवलिङ्ग स्थापित है।

संकटहरण महादेव – शाहाबाद तहसील में हरदोई- शाहजहाँपुर-मार्गपर शाहजहाँपुर-मार्गपर सकाहा ग्राम में भव्य एवं प्राचीन संकटहरण महादेव का मंदिर है। यहाँपर एक संस्कृत- महाविद्यालय भी है जो कि संस्कृत-शिक्षा का महत्त्वपूर्ण केन्द्र है। यहाँ श्रावण एवं फाल्गुन में विशेष पूजा होती है। जनपद के सभी मंदिरों की अपेक्षा यहाँ भीड़ अधिक होती है। भक्तों का ऐसा विश्वास है कि इस मंदिर में आराधना करने से संकटों का सर्वथा निवारण हो जाता है। यह स्थान भव्य एवं दर्शनीय है।

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