Kundali Milan: भारतीय संस्कृति और ज्योतिष में विवाह केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं है, बल्कि दो परिवारों और जीवन के उद्देश्य का भी संगम है। कुंडली मिलान विवाह से पहले एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया मानी जाती है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि शादी के बाद दंपत्ति का जीवन सुखद, समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण हो।
कुंडली मिलान का महत्व
कुंडली मिलान (जिसे गुण मिलान भी कहा जाता है) का आधार वैदिक ज्योतिष है। इसमें लड़का और लड़की की जन्म कुंडली का तुलनात्मक विश्लेषण किया जाता है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
1. वैवाहिक सामंजस्य
कुंडली मिलान के माध्यम से यह जांचा जाता है कि लड़का और लड़की के स्वभाव, विचार और दृष्टिकोण में तालमेल है या नहीं।
यह विवाह के बाद के रिश्ते में सामंजस्य और भावनात्मक स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करता है।
2. गुण मिलान प्रक्रिया
कुंडली मिलान में 36 गुणों का मिलान किया जाता है।
यदि 18 या उससे अधिक गुण मेल खाते हैं, तो इसे शुभ माना जाता है।
गुण मिलान के विभिन्न पहलू जैसे वर-वधू के स्वास्थ्य, प्रेम, संतान, धन और दीर्घायु को भी ध्यान में रखा जाता है।
3. दोष निवारण
यदि कुंडली में मंगल दोष, नाड़ी दोष या अन्य ग्रह दोष होते हैं, तो उनका समाधान ढूंढा जाता है।
विवाह से पहले उपाय करने से वैवाहिक जीवन पर इन दोषों का नकारात्मक प्रभाव कम किया जा सकता है।
4. स्वास्थ्य और संतान योग
कुंडली के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि दंपत्ति का स्वास्थ्य कैसा रहेगा।
संतान सुख और उससे जुड़े संभावित अवरोधों की भी जांच की जाती है।
5. आर्थिक स्थिरता और सफलता
दोनों की कुंडली में योगों का विश्लेषण कर यह देखा जाता है कि उनकी आर्थिक स्थिति कैसी रहेगी।
यह सुनिश्चित करता है कि शादी के बाद जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने में कोई समस्या न हो।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
हालांकि, कुछ लोग कुंडली मिलान को केवल एक प्राचीन परंपरा मानते हैं, लेकिन इसके पीछे छिपी तार्किकता यह है कि इससे शादी के बाद होने वाली संभावित समस्याओं का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।