Dvadasa Jyotirlinga Stotram: द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्

सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रिशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोमकारममलेश्वरम्॥ परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशंकरम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारूकावने॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यंबकं गौतमी तटे। हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥ एतानिऔर पढ़ें

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