Shiva Tandava Stotram: रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र

जटाटवीगलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्‌। डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम्‌ ॥१॥ जटाकटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी विलोलवीचिवल्लरी विराजमानमूर्धनि। धगद्धगद्धगज्ज्वल ल्ललाटपट्टपावके किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम: ॥२॥ धराधरेंद्रनंदिनी विलासबन्धुबन्धुर स्फुरद्दिगंतसंतति प्रमोदऔर पढ़ें

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Jitiya 2024: कब है जितिया का पारण? 100 साल बाद गणेश चतुर्थी पर बन रहा महायोग, ये राशियां होंगी मालामाल सोमवती अमावस्या की रात जरूर करें ये एक काम सपने में देखी गई इन कुछ खास चीजों का मतलब घर में है तुलसी का पौधा तो भूलकर भी ना करें ये दो काम