
Chaitra Pradosh Vrat: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व होता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना के लिए समर्पित होता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त श्रद्धा और विधिपूर्वक इस व्रत को करता है, उसे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे सुख, समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत करने से होती है संतान की प्राप्ति, मिलती है ग्रह दोषों से मुक्ति
प्रदोष व्रत प्रत्येक माह दो बार पड़ता है, एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। इस व्रत के दौरान दिनभर उपवास रखा जाता है, और संध्या के समय भगवान शिव एवं उनके परिवार की आराधना की जाती है। व्रत का समापन प्रदोष काल में पूजन विधान पूरा करने के बाद किया जाता है। अब जानते हैं कि मार्च माह में दूसरा तथा चैत्र मास का पहला प्रदोष व्रत किस दिन रखा जाएगा।
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Chaitra Pradosh Vrat: चैत्र प्रदोष व्रत 2025: तिथि और मुहूर्त
दृक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 26 मार्च 2025 को रात्रि 1:42 बजे होगा और यह 27 मार्च को रात्रि 11:03 बजे समाप्त होगी। चूंकि प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का विशेष महत्व होता है, इसलिए यह व्रत 27 मार्च 2025, बुधवार को रखा जाएगा।
Chaitra Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत के लाभ और शुभ प्रभाव
- भगवान शिव की कृपा: इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है, और शिव कृपा से सभी प्रकार की परेशानियाँ दूर होती हैं।
- सुख-समृद्धि: प्रदोष व्रत करने से घर-परिवार में खुशहाली बनी रहती है और धन-वैभव की वृद्धि होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: इस व्रत के प्रभाव से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं, जिससे स्वास्थ्य उत्तम रहता है।
- ग्रह दोष निवारण: यदि किसी की कुंडली में शनि, राहु या केतु से संबंधित दोष हो, तो इस व्रत को करने से राहत मिलती है।