
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आज 10 जनवरी को साल की पहली एकादशी है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर एकादशी का अपना अलग महत्व है। इस समय पौष महीना चल रहा है और इस महीने में आने वाली एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी कहते हैं। प्रत्येक वर्ष में पुत्रदा एकादशी दो बार आती है जिसमें पहली बार पौष माह में और दूसरी बार सावन माह में यह एकादशी आती है। आइए जानते हैं कि एकादशी व्रत पालन के नियम और इस दिन किन-किन वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए।
एकादशी व्रत पालन के नियम:
पूर्व संध्या (दशमी के दिन) की तैयारी:
दशमी (एकादशी से एक दिन पहले) की शाम को सात्विक भोजन करें और तामसिक पदार्थों का त्याग करें।
मन और शरीर को शुद्ध रखें।
स्नान और पूजा:
एकादशी के दिन प्रातःकाल स्नान करें और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
व्रत का संकल्प लें और दिनभर सात्विकता का पालन करें।
पूजा-पाठ:
भगवान विष्णु की पूजा के लिए तुलसी, दीप, अगरबत्ती, और फल-फूल अर्पित करें।
विष्णु सहस्रनाम, गीता पाठ, या भजन-कीर्तन करें।
उपवास के नियम:
पूर्ण उपवास करने वाले जल और फलाहार तक सीमित रहें।
अगर पूर्ण उपवास संभव नहीं है, तो फल, दूध, और सात्विक आहार का सेवन करें।
निशा पूजा:
संभव हो सके तो रात्रि में जागरण करें और भगवान का ध्यान करते हुए भजन-कीर्तन करें।
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द्वादशी के दिन:
अगले दिन (द्वादशी) ब्राह्मण या जरूरतमंदों को भोजन और दान करें।
उसके बाद ही स्वयं भोजन ग्रहण करें।
इस दिन किन वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए:
अन्न और चावल:
एकादशी के दिन अन्न (खासकर चावल) का सेवन वर्जित है। इसे अशुभ माना जाता है।
लहसुन और प्याज:
लहसुन और प्याज तामसिक भोजन की श्रेणी में आते हैं, जो व्रत के नियमों के विरुद्ध है।
मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थ:
अधिक मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थ वर्जित हैं।
मांस और शराब:
मांस, मछली, और शराब जैसे तामसिक पदार्थ पूरी तरह से निषिद्ध हैं।
दाल और साबुत अनाज:
दाल और साबुत अनाज का सेवन भी वर्जित है।
तामसिक विचार और व्यवहार:
केवल खाद्य पदार्थ ही नहीं, बल्कि वाणी और विचारों में भी सात्विकता बनाए रखना आवश्यक है।
अन्य बातें ध्यान रखने योग्य:
व्रत के दौरान क्रोध, आलस्य, और नकारात्मक सोच से बचें।
यदि स्वास्थ्य कारणों से उपवास कठिन हो, तो फल, दूध, और मेवे का सेवन करें।
एकादशी व्रत का पालन शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए किया जाता है और इसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति का मार्ग माना जाता है।