Hanuman Jayanti: कब है हनुमान जयंती 12 या 13 अप्रैल? जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Hanuman Jayanti: हनुमान जन्मोत्सव, वह पावन अवसर जब संजीवनी लाने वाले, संकटमोचक, वीर हनुमान का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। वर्ष में दो बार इस महापर्व को श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। एक बार चैत्र पूर्णिमा को और दूसरी बार कार्तिक पूर्णिमा पर। इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा को लेकर जनमानस में संशय का माहौल बना है।

Doctor Hanuman Ji: इस मंदिर में क्यों गोपी वेश धारी रूप में विराजमान हैं ‘डॉक्टर हनुमान’, दर्शन मात्र से ठीक हो जाते हैं कई बड़े रोग

कुछ धर्मप्रेमी इसे 12 अप्रैल को मना रहे हैं तो कुछ 13 अप्रैल को। इस उलझन ने श्रद्धालुओं के मध्य भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर दी है। तो आइए, इस विश्लेषण में हम जानेंगे कि हनुमान जन्मोत्सव की प्रामाणिक तिथि, पूजन का उपयुक्त समय, और श्री हनुमान को प्रसन्न करने के प्रभावी उपाय कौन से हैं।

Panchmukhi Hanuman Kavach: पंचमुखी हनुमान कवच, ॐ दक्षिणमुखाय पञ्चमुखहनुमते करालवदनाय नरसिंहाय..

Hanuman Jayanti: हनुमान जन्मोत्सव की सटीक तिथि एवं समय

पंचांगानुसार, चैत्र पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल को सुबह 3:21 बजे होगी और इसका समापन 13 अप्रैल की सुबह 5:51 बजे होगा।
हिंदू धर्म में उदयकालीन तिथि को अत्यंत महत्व प्रदान किया गया है, इसीलिए हनुमान जयंती 12 अप्रैल को ही मान्य होगी।

Shri Sankatmochan Hanumanastak: श्री संकटमोचन हनुमानाष्टक

Hanuman Jayanti: पूजा की पारंपरिक पद्धति

  • इस दिव्य दिवस पर ब्रह्ममुहूर्त में उठें, शुद्ध स्नान कर तन-मन निर्मल करें।
  • स्वच्छ वस्त्र धारण करें, शुभ्रता का संकेत।
  • फिर एक पवित्र चौकी या वेदी पर लाल अथवा पीला वस्त्र बिछाएँ।
  • उस पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को प्रतिष्ठित करें।
  • गंगाजल से अभिषेक करें, तत्पश्चात उन्हें सिंदूर और चमेली के तेल से विभूषित करें।
  • पुष्प, मौसमी फल और नैवेद्य अर्पित करें। हनुमान चालीसा का सस्वर पाठ करें।
  • तत्पश्चात बजरंग बाण, हनुमान अष्टक का उच्चारण करें।
  • अंत में आरती करें और प्रसाद का वितरण करें, जिससे सभी को पुण्य लाभ हो।

श्री हनुमान को प्रसन्न करने के दुर्लभ व सहज उपाय

  • सुंदरकांड का श्रद्धा से पाठ करें, यह बली के कृपा-पथ को शीघ्र प्रशस्त करता है।
  • संकटों से मुक्ति हेतु किसी प्राचीन हनुमान मंदिर में जाकर घी अथवा सरसों तेल का दीपक प्रज्वलित करें।
  • हनुमान चालीसा का 5, 7 या 11 बार पाठ करें। यह अत्यंत सरल किंतु प्रभावशाली उपाय है।
  • सिंदूरी रंग का लंगोट अर्पित करें और गुड़-चने का नैवेद्य समर्पित करें।

Related Posts

April Vrat-Festival: अप्रैल में मनाए जाएंगे राम नवमी, हनुमान जयंती सहित ये प्रमुख व्रत और पर्व, जानें शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, अप्रैल माह (April Vrat-Festival) विशेष आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व रखता है। इस दौरान चैत्र और वैशाख दो मासों का संयोग बन रहा है, जिससे यह माहऔर पढ़ें

और पढ़ें

Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्र आज से, यह है घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, विधि भी जानें

Chaitra Navratri 2025: शक्ति साधना का पावन पर्व चैत्र नवरात्रि आज से आरंभ हो रहा है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 30 मार्च से प्रारंभ होकर 6 अप्रैल को समाप्त होगी।और पढ़ें

और पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share
मेष राशि के लिए लाल किताब के अचूक टोटके बजरंगबली की अष्ट सिद्धियाँ कौन हैं? Mahakumbh 2025 की 10 शानदार तस्वीरें महाकुंभ की 10 अनदेखी तस्वीरें कुंभ मेले में आकर्षण का केंद्र बने “मस्कुलर बाबा”