हर वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर कजरी तीज का त्योहार मनाया जाता है। इस बार 22 अगस्त यानि आज गुरुवार को यह त्योहार मनाया जाएगा। भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित यह त्योहार जिसमें सुहागिन स्त्रियां पति की लंबी आयु और खुशहाल दांपत्य जीवन के लिए निर्जला उपवास करती हैं।
वहीं, कुंवारी युवतियां अच्छे और सुयोग्य वर की कामना को लेकर यह व्रत रखती हैं। देश के कई हिस्सों में इस दिन महिलाए पारंपरिक गीत गाती हैं और झूला भी झूलती हैं। वहीं, आज कजरी तीज पर दोपहर 01 बजकर 10 मिनट तक धृति योग है और रात 10 बजकर 05 मिनट तक उत्तरभाद्रपदा नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
शुभ मुहूर्त
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 21 अगस्त दिन बुधवार को शाम 05 बजकर 7 मिनट से हो रहा है जबकि इसका समापन 22 अगस्त दिन गुरुवार दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर हो रहा है। उदया तिथि के चलते 22 अगस्त को कजरी तीज का व्रत रखा जाएगा।
पूजा सामग्री
कजरी तीज पर माता गौरी और भगवान शंकर की पूजा के लिए कलश (मिट्टी या तांबे का), अक्षत (चावल), दूर्वा (घास), देसी घी, कपूर और केले के पत्ते अवश्य रखें। वहीं, पूजा में बिल्व पत्र (बेलपत्र), भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ, अबीर-गुलाल, श्रीफल, चंदन, गाय का दूध और गंगाजल को एक हाथी में रख लें। इसके अलावा पंचामृत बना लें। साथ ही साथ माता पार्वती को अर्पित करने के लिए सोलह शृंगार से संबंधित सभी वस्तुएं रखें।
माता पार्वती ने भी किया था यह व्रत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास की तृतीया तिथि पर पहली बार मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए इस व्रत को किया था। इस वजह से इस तीज व्रत को कुंवारी युवतियां भी रखती हैं। इस दिन पूजा के दौरान कजरी तीज की व्रत कथा भी सुनाई जाती है।